Budget 2021: तेजस्वी यादव ने बजट को देश को बेचनेवाला बताया, मांझी ने कहा निजीकरण हो मगर निजी क्षेत्र में भी आरक्षण लागू हो
तेजस्वी ने कहा बिहार से 39 लोग जो संसद में जीतकर गए हैं वे क्या थाली पीटने गए हैं। बिहार की जनता इस बजट से नाराज है। जीतन राम मांझी ने कहा निजी क्षेत्रों में आरक्षण नहीं रहने के कारण आरक्षित वर्ग के लोगों में असंतोष बढेगा।
पटना, राज्य ब्यूरो । बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने केंद्रीय बजट 2021 को देश को बेचने वाला बताया और कहा कि प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री ने बिहार के साथ सौतेला व्यवहार किया है। हैरत है कि मुख्यमंत्री चुप हैैं। तेजस्वी ने कहा कि बिहार में किसानों की स्थिति सबके सामने है। इस बजट से उनपर और बोझ पड़ेगा। राजग सरकार ने वादा किया था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कर देगी, लेकिन एक साल पहले ही उन्हें भिखारी बना दिया गया है।
बजट में बिहार के साथ सौतेला व्यवहार
बिहार के लिए न तो कोई कारखाने की घोषणा की गई, न उद्योग की। एक भी ऐसा सेक्टर नहीं है, जहां बिहार को तरजीह दी गई है। रेलवे को भी जिस तरह लालू प्रसाद ने चलाया था, वैसा नहीं चलाया जा रहा है। यूपीए सरकार में लालू प्रसाद ने हर साल 90 हजार करोड़ का मुनाफा दिया था। इस बार तो रेल गायब ही हो गई। तेजस्वी ने दावा किया कि ये लोग लालू प्रसाद से तुलना नहीं कर सकते हैैं। लालू ने बिहार को कई कारखाने दिए। बिना पक्षपात किए हुए उन्होंने बिहार को विशेष पैकेज दिलाया था। किंतु इस बार जब सदन में बजट पेश किया जा रहा था तो बिहार की उपेक्षा पर यहां से जीतकर गए 39 सांसद ताली पीट रहे थे। बिहार की जनता इस हरकत से नाराज है।
बिहार को इसलिए कुछ नहीं मिला, क्योंकि यहां अभी चुनाव नहीं है
तेजस्वी ने कहा कि बिहार को इसलिए कुछ नहीं दिया गया, क्योंकि यहां अभी चुनाव नहीं है। जिन राज्यों में चुनाव है, वहां के लिए चीख-चीख कर घोषणाएं की गईं। बिहार को कुछ नहीं मिला। पटना यूनिवर्सिटी को केंद्रीय दर्जा भी नहीं। न तो कोई आधारभूत संरचना की बात हुई।
तेजस्वी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि बजट में देश की संपत्तियां बेचने की तैयारी है। यह देश को बेचने वाला बजट है, जिसमें आम लोगों की कमर तोड़ दी गई है। चंद लोगों का ही ख्याल रखा गया है। देश का संविधान खतरे में है। छात्र-युवा और बेरोजगार जानना चाह रहे हैैं कि उनके लिए बजट में क्या है।
मांझी ने कहा, निजीकरण से दिक्कत नहीं, मगर निजी क्षेत्र में भी आरक्षण लागू हो
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बजट को प्रगतिशील बताया है। उन्होंने कहा कि निजीकरण से कोई दिक्कत नहीं है। केंद्र सरकार अगर निजीकरण का फैसला ले रही है तो वह देश हित में ही होगा मगर निजी क्षेत्रों में भी आरक्षण लागू किया जाना चाहिए। जो पिछड़े और वंचित समाज के लोग हैं, एससी-एसटी समुदाय के लोग हैं उनको निजी क्षेत्रों में आरक्षण देना होगा तभी उनका विकास होगा। इसके लिए प्रधानमंत्री से पहले भी कहा गया है और आगे भी इसका अनुरोध किया जाएगा।
मांझी ने कहा कि यह बजट राष्ट्रहित में है। विकट परिस्थितियों में विकास का रास्ता कैसे बनाया जा सके बजट में इस बात का पूरा ख़्याल रखा गया है। निजीकरण से जनता को सहूलियत ज़रूर मिलेगी परंतु, निजी क्षेत्रों में आरक्षण नहीं रहने के कारण आरक्षित वर्ग के लोगों में असंतोष बढेगा।