राजनीति में मील का पत्‍थर रहे भोला सिंह, विवादों के बीच कायम रखी पहचान

बेगूसराय के भाजपा सांसद भोला प्रसाद सिंह नहीं रहे। इसके साथ ही उनके 50 साल के राजनीतिक सफर का अंत हो गया। आइए डालते हैं नजर, उनकी राजनीति पर।

By Amit AlokEdited By: Publish:Sat, 20 Oct 2018 10:59 AM (IST) Updated:Sat, 20 Oct 2018 09:31 PM (IST)
राजनीति में मील का पत्‍थर रहे भोला सिंह, विवादों के बीच कायम रखी पहचान
राजनीति में मील का पत्‍थर रहे भोला सिंह, विवादों के बीच कायम रखी पहचान

बेगूसराय [जेएनएन]। बिहार की राजनीति में मील का पत्‍थर रहे भोला प्रसाद सिंह नहीं रहे। शुक्रवार की रात नई दिल्‍ली के राम मनोहर लोहिया अस्‍पताल में उन्‍होंने अंतिम सांस ली। सांसद भोला सिंह की उपस्थिति राजनीति की वह अनकही दास्तान है, जहां जन का संघर्ष खड़ा होता था तथा जन का सरोकार भी प्रदर्शित हो जाता था। आम जन को केन्द्र में रखकर उसके लिए की गई इसी राजनीति ने भोला सिंह के 50 साल के राजनीतिक जीवन को पहचान दी।

जन सरोकार के बल पर बने जन नेता

आम जन की इसी राजनीति ने विरोधाभाषों तथा आरोप-प्रत्यारोप के बीच उन्हें अलग पहचान दी। अपने जनसरोकार के बल पर वे बेगूसराय के जननेता हो गये। आम जन का यह राजनीतिक सरोकर ही था, जिसने उन्‍हें विरोधियों के बीच भी स्‍वीकार्यता कायम रखी।

आज भोला सिंह के निधन के बाद बेगूसराय की समृद्ध राजनीति में आयी रिक्तता को संजीदगी से महसूस किया जा सकता है। ओजस्विता से परिपूर्ण वाकृत्व शक्ति के धनी भोला सिंह बेगूसराय के अजातशत्रु थे। उन्होंने सत्य के लिए संघर्ष का रास्ता अपने हित-अनहित की परवाह किये बिना अख्तियार कर अपनों तथा परायों को भी अनेक मौकों पर चौंकाया। शायद यही विशिष्ट पहचान उनकी खासियत तथा अनवरत संसदीय चुनाव में उनकी दमदार उपस्थित का गवाह बना ।

राजनीतिक सफरनामा

1967- पहली बार निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में कांग्रेस के रामनारायण चौधरी को हरा कर विधानसभा पहुंचे।

1969-  सरयु प्रसाद सिंह (कांग्रेस) के हाथों कम्युनिस्ट उम्मीदवार के रूप में चुनाव हारे।

1972- कन्‍युनिष्‍ट उम्‍मीदवार के रूप में कांग्रेस के गीता सिंह से जीते।

1977- कांग्रेस से जीते।

1980- वासुदेव सिंह से जीते।

1985-  मार्क्‍सवादी कम्‍युनिष्‍ट पार्टी के राजेंद्र सिंह से चुनाव हार गए।

1990- वासुदेव सिंह से हारे।

1995- राजेंद्र सिंह से हारे।

2000, 2005- दो बार भाजपा के टिकट पर राजेंद्र सिंह व कमली महतो से जीते।

संसदीय राजनीति

2009- नवादा से सांसद

2014- बेगूसराय से सांसद

इन पदों पर भी रहे भोला सिंह

पहली बार चन्द्रशेखर सिंह ने गृह राज्य मंत्री बने। 1988-89 में कांग्रेस सरकार में शिक्षा मंत्री रहे ।

2003-2005 तक डिप्टी स्पीकर रहे तथा 2008 में नगर विकास मंत्री बने।

chat bot
आपका साथी