बिहार-यूपी के मोस्‍ट वांटेड की पत्‍नी लगातार चौथी बार जीती चुनाव, पहली बार कोई विरोध में खड़ा हुआ, पर...

पंचायती राज व्‍यवस्‍था में यूं तो मुखिया पंचायत समित‍ि सदस्‍य जिला परिषद सदस्‍य प्रखंड प्रमुख और जिला परिषद अध्‍यक्ष के अलावा पंचायत (वार्ड) सदस्‍य का पद भी शामिल है लेकिन इसमें रुतबे वाले पद मुखिया प्रखंड प्रमुख और जिला परिषद अध्‍यक्ष का ही माना जाता है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Wed, 29 Dec 2021 11:54 AM (IST) Updated:Wed, 29 Dec 2021 11:54 AM (IST)
बिहार-यूपी के मोस्‍ट वांटेड की पत्‍नी लगातार चौथी बार जीती चुनाव, पहली बार कोई विरोध में खड़ा हुआ, पर...
बक्‍सर जिले के चौसा प्रखंड में चौथी बार प्रमुख बनीं सुनीता राय। जागरण

पटना, जागरण टीम। पंचायती राज व्‍यवस्‍था में यूं तो मुखिया, पंचायत समित‍ि सदस्‍य, जिला परिषद सदस्‍य, प्रखंड प्रमुख और जिला परिषद अध्‍यक्ष के अलावा पंचायत (वार्ड) सदस्‍य का पद भी शामिल है, लेकिन इसमें रुतबे वाले पद मुखिया, प्रखंड प्रमुख और जिला परिषद अध्‍यक्ष का ही माना जाता है। बक्सर जिले में एक प्रखंड ऐसा है, जहां एक ही महिला लगातार चौथी बार प्रमुख चुन ली गई है। इससे भी अधिक ताज्‍जुब की बात यह है कि इससे पहले तीन बार यह महिला निर्विरोध प्रमुख चुनी जा चुकी है। इस बार थोड़ी दिक्‍कत हुई, चुनाव की नौबत आई, लेकिन जीत इस बार भी मिली। मामला बक्‍सर ही नहीं बल्कि कैमूर और उत्‍तर प्रदेश के बलिया, गाजीपुर, चंदौली, बनारस सहित कई जिलों में बदनाम गुड्डू राय से जुड़ा है।

चौसा की प्रखंड प्रमुख हैं गुड्डू राय की पत्‍नी

चौसा प्रखंंड प्रमुख के पद पर लगातार चौथी बार गुड्डू राय की पत्नी सुनीता राय चुनी गईं। इससे पहले भी ये तीन बार इस पद पर निर्विरोध प्रमुख रही हैं। उपप्रमुख के पद पर चुन्नी पंचायत के बीड़ीसी सदस्य शशिकांत दुबे उर्फ मोहित दुबे चुने गए। सुनीता राय डिहरी पूर्वी से चौथी बार बीडीसी सदस्य पद पर चुनी गयी थीं। प्रखंड प्रमुख के चुनाव को लेकर अनुमंडल कार्यालय के बाहर समर्थकों के बीच गहमा-गहमी बनी रही। गुड्डू राय के खिलाफ यूपी के थानों में कई मामले दर्ज हैं।

पहली बार किसी ने जुटाई टक्‍कर देने की हिम्‍मत

मंगलवार को निर्धारित समय से आधा घंटा बाद सभी बीडीसी सदस्यों का काफिला अनुमंडल कार्यालय पहुंचा। जहा दंडाधिकारी के रूप में उपस्थित अनुमंडल पदाधिकारी धीरेंद्र मिश्रा ने सभी बीडीसी सदस्यों को पद व गोपनीयता के अलावे शराबबन्दी की सफलता की शपथ दिलायी। उसके बाद प्रमुख चुनाव की कार्यवाही प्रारम्भ की गई। हालांकि, कुछ आनलाइन की समस्या को लेकर चुनावी प्रक्रिया में देरी हुई। उसके बाद नामांकन की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन इस बार सुनीता राय निर्विरोध नहीं हो पाईं।

क्रास वोटिंग का मिला फायदा

प्रमुख पद पर दो दावेदारों  पूर्व प्रमुख सुनीता राय के प्रतिद्वंदी के रूप में डिहरी पश्चमी के बीडीसी गायत्री देवी ने नामांकन दाखिल किया। मतदान कराया गया, जिसमें 12 बीडीसी सदस्यों में से सुनीता राय को छह मत व गायत्री देवी को चार मत मिले, दो मत क्रास वोटिंग के तहत रिजेक्ट हो गए। इस तरह सुनीता राय को ज्यादा मत मिलने पर प्रमुख घोषित किया गया। वहीं उप प्रमुख पद के लिए भी दो दावेदारों ने नामांकन किया गया। जिसमें शशिकांत दुबे उर्फ मोहित दुबे को छह तथा राजेश सिंह को चार मत मिले। शशिकांत दुबे को उपप्रमुख घोषित किया गया। विजेता प्रखंड प्रमुख व उप प्रमुख को अनुमंडलाधिकारी ने कर्तव्य व निष्ठा की शपथ दिलायी गयी। तथा प्रमाण पत्र प्रदान किये गए।

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