Bihar Tourism News: कैमूर जिले का दुर्गावती जलाशय बन रहा पिकनिक स्पॉट, सुविधाओं का अभाव
पहाड़ी की गोद में बसे कैमूर जिले की प्राकृतिक सुंदरता काफी मनमोहक है। चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरे इसजिले में ऐसे स्थल हैं जिसकी सुंदरता का दीदार करने हर कोई आना चाहता है। इसमें हर किसी के दिल में दुर्गावती जलाशय को देखने की चाहत जरूर पनपती है।
भभुआ, जेएनएन : कैमूर व रोहतास दोनों जिले के लिए महत्वपूर्ण दुर्गावती जलाशय अपनी सुंदरता से लोगों को यहां आने पर मजबूर कर रहा है। पिकनिक स्पाट के लिए दुर्गावती जलाशय काफी लोकप्रिय होता जा रहा है। अवकाश के दिनों में या अवसर विशेष पर लोग यहां पहुंच कर काफी समय गुजार रहे हैं। प्रकृति की गोद में बसे जलाशय की धारा और पहाड़ों के सुंदर दृश्य को देख लोग इसकी सुंदरता की प्रशंसा करते नहीं थक रहे। कैमूर और रोहतास जिले के खेतों की सिंचाई के उद्देश्य से निर्मित दुर्गावती जलाशय परियोजना के विकास में ऐसे तो बहुत कार्य हुए, लेकिन यहां आने वाले लोगों के लिए की कई सुविधाओं की कमी है। इसका अफसोस यहां आने वाले लोगों को जरूर है।
दस किलोमीटर के परिधि में कोई बाजार नहीं :
जिले के रामपुर प्रखंड मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर पहाड़ी के बीच दुर्गावती जलाशय है। यहां से सटे सारे गांव के विकास की रफ्तार काफी पीछे है। दुर्गावती जलाशय से लगभग दस किलोमीटर के एरिया में कोई बाजार नहीं है। इसके चलते यहां आने वाले लोगों को खाने-पीने सहित पिकनिक मनाने में आवश्यक सामग्रियों को लेकर ही आना पड़ता है। दुर्गावती जलाशय पर शौचालय पेयजल आदि की सुविधा भी अब तक नहीं हो सकी। इसके चलते यहां आने वाले लोगों खासकर महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
दुर्गावती जलाशय की चर्चा दूर-दूर तक:
पहाड़ी की गोद में बसे कैमूर जिले की प्राकृतिक सुंदरता काफी मनमोहक है। चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरे इस कैमूर जिले में ऐसे स्थल हैं जिसकी सुंदरता का दीदार करने हर कोई आना चाहता है। इसमें हर किसी के दिल में दुर्गावती जलाशय को देखने की चाहत जरूर पनपती है। यह स्थल वाकई ऐसा है भी, जो यहां एक बार आ जाए वह बार-बार यहां आने का प्रयास करता है। कैमूर व रोहतास की सीमा पर स्थित दुर्गावती नदी पर बनाए गए दुर्गावती जलाशय की चर्चा दूर-दूर तक होने लगी है। इस जलाशय को देखने आने वाले लोग कैमूर व रोहतास दोनों जिलों के पर्यटक स्थलों को देखते हैं। इससे यह जलाशय न सिर्फ कैमूर के बल्कि रोहतास की ख्याति को भी बढ़ा रहा है। खासकर पिकनिक मनाने वाले लोगों के बीच यह स्थल काफी लोकप्रिय होने लगा है।
पिकनिक मनाने के लिए लोग आतुर
प्रकृति की सुंदर वादियों, कलकल बहती नदी की धारा में पंक्षियों की चहचहाहट, चारों तरफ से हरे-भरे पेड़ व पहाड़ की चट्टानों पर चढ़ कर घूमना लोग काफी पसंद करते हैं। इसी वजह से आने वाले नए वर्ष में पिकनिक मनाने के लिए लोगों के मन में दुर्गावती जलाशय का ख्याल बार-बार आ रहा है और यहां लोग अभी से पहुंच कर अपने स्थान को सुरक्षित करने में लगे हैं। लोगों की आवाजाही से यह उम्मीद जताई जा रही है कि दुर्गावती जलाशय पर पिकनिक मनाने के लिए लोग आतुर हैं।
38 साल बाद पूरा हुआ जलाशय निर्माण का कार्य :
इस जलाशय के निर्माण में कई प्रकार की अड़चने आई। लेकिन 38 वर्ष बाद 2014 में पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी द्वारा दुर्गावती जलाशय परियोजना का उद्घाटन किया गया। कैमूर व रोहतास के किसानों के खेतों की सिंचाई के लिए 1976 में तत्कालीन उपप्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम ने इसकी नींव रखी थी। इसके बाद से यह जलाशय एक राजनीतिक मुद्दा बना और सासाराम संसदीय क्षेत्र में प्रत्येक पार्टी इसी जलाशय को मुद्दा बना कर अपनी नैया पार करने की कोशिश करता रहा। अंतत: इसके उद्घाटन का श्रेय पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को गया।
पूर्वी तट पर शेरगढ़ का प्राचीन किला, रहस्यमयी दीवार है काफी खुबसूरत:
जानकारी के अनुसार दुर्गावती नदी खुखुमा नाम के पहाड़ पर बांस के कुपड़ से निकलती है। इसमें सदैव पानी बहता रहता है। यहीं से निकलने के बाद आगे जाकर यह नदी का रूप धारण कर ली। जिसे आज दुर्गावती नदी के नाम से जाना जाता है। इस जलाशय की खास बात यह है कि इसके पूर्वी तट पर शेरगढ़ का प्राचीन किला है। जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। दुर्गावती जलाशय घूमने आए लोग शेरगढ़ किला को देखना नहीं भूलते। इस किले की रहस्यमयी दीवार जो पहाड़ी को काटकर बनाई गई है वो काफी खुबसूरत है। यहां से कुछ ही दूरी पर भुड़कुड़ा का प्राचीन किला भी सैकड़ों वर्षो से विद्यमान है। शेरगढ की ऊपरी हिस्से से दुर्गावती जलाशय का विहंगम दृश्य देखते ही बनता है। साल दर साल बढ़ रही पर्यटकों की भीड़ आने वाले दिनों में इस स्थल को पर्यटन का नया केंद्र स्थापित कर सकता है।