बिहार में शादी के लिए दूल्हे को करते हैं किडनैप, 2017 के आंकड़े जान हो जाएंगे हैरान

यह बिहार में दहेज प्रथा का आफ्टर इफेक्ट है। यहां बीते साल 3405 पकड़ुआ शादियां हुईं। ये आंकड़े पुलिस के हैं। आंकड़ों की बात करें तो जबरिया शादी के मामले में बिहार नंबर वन है।

By Kajal KumariEdited By: Publish:Mon, 05 Feb 2018 09:04 AM (IST) Updated:Mon, 05 Feb 2018 10:50 PM (IST)
बिहार में शादी के लिए दूल्हे को करते हैं किडनैप, 2017 के आंकड़े जान हो जाएंगे हैरान
बिहार में शादी के लिए दूल्हे को करते हैं किडनैप, 2017 के आंकड़े जान हो जाएंगे हैरान

पटना [राज्य ब्यूरो]। बिहार में दहेजप्रथा और बाल विवाह रोकने के लिए मुहिम चलाई जा रही है। इन दोनों कुप्रथाओं पर रोक के लिए कड़े कानून का प्रावधान है। लेकिन, दहेज प्रथा का एक अाफ्टर इफेक्ट यह भी है कि शादी याेग्‍य युवकों का अपहरण कर उनकी शादी जबरन करा दी जाती है। डरा-धमका कर या बंदूक की नोंक पर होने वाली ऐसी शादियां बिहार में वर्षों से होती आ रही हैं।

इसी कड़ी में बिहार में पिछले साल 3405 युवकों की जबरन शादी करा दी गई। यानी उनका पकड़ुआ विवाह हुआ। लड़की के घर वाले अच्छे घरों के युवकों का अपहरण कर डरा-धमका कर उनकी शादी करा देते हैं। बिहार पुलिस ने हाल में इस संबंध आंकड़े जारी किए हैं। युवकों का अपहरण के बाद जबरन शादी के ऐसे मामले देश में सर्वाधिक बिहार में ही दर्ज किए गए हैं।

पटना में सामने आया था एक मामला 

पिछले दिनों राजधानी पटना एक गांव में पेशे से इंजीनियर युवक की शादी इसी तरह अपहरण के बाद जबरन करा दी गई। वीडियो सामने आने के बाद हंगामा हुआ था। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार बिहार में अमूमन हर रोज नौ विवाह जबरन होते हैं। इनकी बढ़ती संख्या को देखते हुए सभी  पुलिस अधीक्षकों को इसी माह शुरू  हो रहे 'लगन' में ऐसे विवाहों को लेकर सजग रहने और उनकी रोकथाम के उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं।

पुलिस मुख्यालय के ही कई अधिकारी इसे राज्य की कानून-व्यवस्था से संबंधित समस्या नहीं, बल्कि एक सामाजिक समस्या मानते हैं। उनका कहना है कि पकड़ुआ विवाह कोई असामान्य बात नहीं है, लेकिन इनकी संख्या बढऩा चिंताजनक है।  

दहेज बचाने के लिए होता है अच्छे युवकों का अपहरण

बिहार में दशकों से दहेज बचाने के लिए विवाह का यह तरीका अपनाया जाता है। लड़कियों का परिवार उपयुक्त लड़के को अगवा कर लेता है और उसकी अपनी लड़की से बलपूर्वक शादी कर देता है। लड़कों के अपहरण के लिए लड़की वाले अक्सर अपने मित्रों, परिजनों और यहां तक की पेशेवर अपराधियों का भी उपयोग करते हैं। 

18 साल से ऊपर के लड़कों के अपहरण में अव्वल

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की 2015 की रिपोर्ट के अनुसार बिहार 18 साल के ज्यादा उम्र के लड़कों के अपहरण के मामले में देश में अव्वल है। राज्य में 2015 में 18 से 30 साल की उम्र के 1,096 युवकों को अगवा किया गया था। देश में इस आयु वर्ग के लड़कोंं के अपहरण का यह 17 फीसद है। 

तीन वर्षों में इतने अपहरण

वर्ष          अपहरण

2016      3070
2015      3000
2014      2526
 
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