Bihar Assembly Election News: RJD में रामा सिंह या रघुवंश प्रसाद सिंह-लालू ने रघुवंश का इस्तीफा किया रिजेक्ट, अब आगे...

Bihar Assembly Election Newsराजद में मची हलचल के बाद लालू यादव ने खुद हस्तक्षेप किया है और रघुवंश प्रसाद सिंह का इस्तीफा नामंंजूर कर दिया है। अब रामा सिह की राजद में एंट्री होगी?

By Kajal KumariEdited By: Publish:Thu, 25 Jun 2020 08:16 AM (IST) Updated:Thu, 25 Jun 2020 11:38 PM (IST)
Bihar Assembly Election News: RJD में रामा सिंह या रघुवंश प्रसाद सिंह-लालू ने रघुवंश का इस्तीफा किया रिजेक्ट, अब आगे...
Bihar Assembly Election News: RJD में रामा सिंह या रघुवंश प्रसाद सिंह-लालू ने रघुवंश का इस्तीफा किया रिजेक्ट, अब आगे...

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Assembly Election News: पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह की नाराजगी को दूर करने के लिए राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने खुद पहल की है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि रघुवंश बाबू के इस्तीफे को आलाकमान ने खारिज कर दिया है। हालांकि रामा सिंह के राजद ज्वाइन करने के सवाल को तेजस्वी ने टाल दिया, लेकिन इतना जरूर कहा कि उनके स्वस्थ होने के बाद उनसे मिलकर नाराजगी को दूर करने का प्रयास किया जाएगा। 

राजद प्रत्याशियों के नामांकन के बाद तेजस्वी विधानसभा परिसर में मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि रघुवंश प्रसाद हमारी पार्टी के पुराने और विश्वसनीय नेता हैं। उनसे बात होगी तो मामला साफ हो जाएगा।

वहीं जानकारों का कहना है कि पार्टी में अपनी उपेक्षा और रामा सिंह को लाने की पहल से रघुवंश इतने खफा हैं कि उन्हें मनाना इतना आसान भी नहीं होगा। हालांकि लालू के स्तर से डैमेज कंट्रोल की कोशिश शुरू कर दी गई है। सूत्रों का दावा है कि रामा सिंह का राजद में आना नहीं रुका तो रघुवंश की नाराजगी को दूर करना भी आसान नहीं होगा। 

तेजस्वी ने कहा कि जदयू ने उनके पांच नेताओं को तोड़ा है, लेकिन जनता अभी भी राजद के साथ है। राजद में टूट से जदयू को भले फायदा हो सकता है, लेकिन नीतीश कुमार को स्पष्ट करना चाहिए कि इससे जनता को क्या फायदा होगा।

बता दें कि रघुवंश प्रसाद सिंह लालू के सबसे ज्यादा करीबी माने जाते हैं, पारिवारिक परेशानी हो या राजनीतिक परेशानी लालू रघुवंश प्रसाद सिंह पर सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं। रघुवंश प्रसाद राजद के उन चुनिंदा नेताओं में से एक हैं, जिन्होंने पार्टी को बुलंदी पर पहुंचाने में अहम भूमिका अदा की है। रघुवंश राजद के उन गिने-चुने नेताओं में से एक हैं जिनपर कभी भी भ्रष्टाचार या गुंडागर्दी के आरोप नहीं लगे हैं।

लालू प्रसाद यादव के जेल जाने के बाद पार्टी में वरिष्ठ नेताओं की कमी हो गई है। रघुवंश प्रसाद ही वह चेहरा माने जाते हैं जो पार्टी के उम्रदराज कार्यकर्ताओं को पार्टी के साथ जोड़े रखने में अहम भूमिका अदा करते रहे हैं। 

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