कोरोना पर नीतीश कुमार को उनके ही मंत्री ने घेरा, कहा- नाइट कर्फ्यू से कुछ नहीं होगा, लगाइए लॉकडाउन

बिहार में संक्रमण से बचाव के लिए नीतीश कुमार ने राज्य में रात नौ बजे से सुबह पांच बजे तक नाइट कर्फ्यू लगाया है। बिहार बीजेपी अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल के बाद अब नीतीश कुमार सरकार के मंत्री ने भी लॉकडाउन का समर्थन कर दिया है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 09:35 PM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 09:35 PM (IST)
कोरोना पर नीतीश कुमार को उनके ही मंत्री ने घेरा, कहा- नाइट कर्फ्यू से कुछ नहीं होगा, लगाइए लॉकडाउन
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। जागरण आर्काइव। -

ऑनलाइन डेस्क, पटना। बिहार में कोरोना के बढ़ते मामले पर सियासत शुरू हो गई। संक्रमण से बचाव के लिए नीतीश कुमार ने राज्य में रात नौ बजे से सुबह पांच बजे तक नाइट कर्फ्यू लगाया है। बिहार बीजेपी अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल के बाद अब नीतीश कुमार सरकार के मंत्री ने भी लॉकडाउन का समर्थन कर दिया है। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने बिहार में संपूर्ण लॉकडाउन लगाने की मांग की है। 

बिहार की नीतीश कुमार सरकार में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने कहा है कि राज्य में पूर्व लॉकडाउन लगाकर ही कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ी जा सकती है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक रामसूरत राय ने कहा कि बिहार में कोरोना से हालात बिकड़ते जा रहे हैं। ऐसे में महज नाइट कर्फ्यू लगाने से संक्रमण कम नहीं होगा। रामसूरत ने कहा कि बिहार में संपूर्ण लॉकडाउन लगना चाहिए। मंत्री ने कहा कि अकेले मेंरे पास अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने के लिए फोन पर फोन आ रहे हैं। केंद्र ने पहले ही राज्य सरकार को लॉकडाउन लगाने का अधिकार दे दिया है। ऐसे में बिहार में कोरोना सक्रमण की चेन तोड़ने के लिए लॉकडाउन लगाना चाहिए। 

भाजपा अध्यक्ष ने उठाई थी मांग

बता दें कि मंत्री रामसूरत राय से पहले बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल लॉकडाउन का समर्थन किया था। कोरोना को लेकर सर्वदलीय बैठक के बाद डॉ. संजय ने कहा था कि शुक्रवार शाम छह बजे से सोमवार सुबह आठ बजे तक लॉकडाउन लगाया जाना चाहिए। उन्होंने पांच दिन रोजगार और दो दिन कोरोना पर प्रहार का मंत्र दिया। उन्होंने कहा था कि हर सप्ताह 62 घंटे की बंदी से कोरोना की चेन ब्रेक होगी। बिहार भाजपा अध्यक्ष ने कहा था कि सरकार को अपनी जान हथेली पर ले कोरोना से जूझने वाले फ्रंटलाइन वर्कर्स का विशेष ख्याल रखना चाहिए। उनके लिए हर समय कम से कम 50 बेड रिजर्व रखने चाहिए। 

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