बिहार में जमीन के सर्वे में फंसा बड़ा पेंच, अप्रैल तक रही रफ्तार; अब समय से काम पूरा होने की उम्‍मीद नहीं

Bihar Land Survey News राज्य सरकार की प्राथमिकता का यह विषय किसी न किसी वजह से रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। सर्वे के लिए विशेष सर्वेक्षण अमीन कानून गो सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी लिपिक आदि पदों पर संविदा आधारित बहाली की प्रक्रिया 2018 में शुरू हुई।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Fri, 21 May 2021 07:56 AM (IST) Updated:Fri, 21 May 2021 07:56 AM (IST)
बिहार में जमीन के सर्वे में फंसा बड़ा पेंच, अप्रैल तक रही रफ्तार; अब समय से काम पूरा होने की उम्‍मीद नहीं
बिहार में जमीन के सर्वे की प्रक्रिया बाधित। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। Land Survey in Bihar: कोरोना ने राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी भूमि सर्वेक्षण योजना पर पानी फेर दिया है। स्थिति सामान्य होने पर बाकी कामकाज शुरु हो जाएंगे। लेकिन, भूमि सर्वेक्षण के लिहाज से पूरा साल बर्बाद हो जाएगा। अगले महीने से बारिश होगी। बड़ा इलाका पानी में डूब जाएगा। पानी और खेतों में लगी फसलों की वजह से कम से कम नवंबर तक जमीन की मापी संभव नहीं हो पाएगी।

20 जिलों में कागजी प्रक्रिया लगभ पूरी

कोरोना संक्रमण के दूसरे दौर से ठीक पहले भूमि सर्वेक्षण का काम तेजी से हो रहा था। भूमि सर्वेक्षण में लगे कर्मचारी गांवों में कैंप कर रहे थे। पहले चरण के 20 जिलों में कागजी प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई थी। जमीन की मापी की तैयारी चल ही रही थी कि कोरोना संक्रमण का दूसरा दौर शुरु हो गया। कई जिलों के किसानों ने जिला बंदोबस्त पदाधिकारी और सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी को लिख कर दिया कि संक्रमण फैलने की आशंका के मद्देनजर फिलहाल सर्वे का काम रोक दें। अप्रैल के मध्य तक काम लगभग रूक गया। वह अब तक रुका हुआ है।

संकट में भी हुआ था काम

विभागीय सूत्रों ने बताया कि पिछले साल कोरोना के दौरान भी कामकाज चला था। अप्रैल-जून महीने के बीच किसी का फील्ड में जाना संभव नहीं था। उस समय का इस्तेमाल सर्वेकर्मियों को आनलाइन प्रशिक्षण देने में किया गया। लॉकडाउन की अवधि में अच्छी तैयारी हो गई थी। इस साल सब काम सरजमीन पर होना है। सर्वे में ऑनलाइन काम की गुंजाइश नहीं रह गई है। जनवरी से रफ्तार बढ़ी, अप्रैल में लगा ब्रेक बरसात में संभव नहीं है जमीन की मापी

तीन साल से चल रही प्रक्रिया

यह संयोग है कि राज्य सरकार की प्राथमिकता का यह विषय किसी न किसी वजह से रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। सर्वे के लिए विशेष सर्वेक्षण अमीन, कानून गो, सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, लिपिक आदि पदों पर संविदा आधारित बहाली की प्रक्रिया 2018 में शुरू हुई। वह साल इसी निर्णय में गुजर गया कि संविदा पर कितने कर्मियों की बहाली होगी। पहले यह संख्या 38 हजार तय थी। बाद में घट कर आठ हजार के करीब हो गई। आखिरकार मार्च 2019 में आवेदन मंगाए गए। जुलाई-अगस्त 2020 में संविदाकर्मियों की तैनाती की गई। दिसम्बर 2020 में सरकार ने सभी जिलों के लिए बंदोबस्त पदाधिकारियों को तैनात किया। इस साल जनवरी से काम तेजी पकड़ रहा था।

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