एक साथ 25000 परीक्षार्थी दे सकेंगे Exam, बिहार में परीक्षा में नकल, अब भूल जाइए..

बिहार सरकार एक एेसा परीक्षा हॉल बनाने जा रही है जिसमें एक साथ 25000 परीक्षार्थी परीक्षा दे सकेंगे। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इस हॉल में नकल करने की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी।

By Kajal KumariEdited By: Publish:Thu, 23 Jan 2020 09:49 AM (IST) Updated:Fri, 24 Jan 2020 02:11 PM (IST)
एक साथ 25000 परीक्षार्थी दे सकेंगे Exam, बिहार में परीक्षा में नकल, अब भूल जाइए..
एक साथ 25000 परीक्षार्थी दे सकेंगे Exam, बिहार में परीक्षा में नकल, अब भूल जाइए..

पटना, राज्य ब्यूरो। राजधानी में तमाम तरह की परीक्षाएं लेने में आ रही दिक्कतों को देखते हुए राज्य सरकार ने एक भव्य परीक्षा परिसर बनाने का निर्णय लिया है। इसकी क्षमता 25 हजार से अधिक होगी। गांधी सेतु के पास इसके लिए 6.79 एकड़ जमीन भी तय कर दी गई है।

इस परिसर में सभी तरह की अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी और परीक्षार्थियों के आने-जाने के लिए आसपास मेट्रो स्टेशन एवं बस स्टैंड भी होगा। इसी तरह के परीक्षा परिसरों का निर्माण सभी जिलों में भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को एक अणे मार्ग स्थित संकल्प में परीक्षा परिसर की तैयारियों से संबंधित प्रस्तुति देखी। 

मुख्यमंत्री ने सभी जिले की आबादी को ध्यान में रखते हुए ऐसे परीक्षा केंद्र बनाने का निर्देश दिया, ताकि कदाचार मुक्त एवं पारदर्शी तरीके से परीक्षाएं कराई जा सके। उन्होंने कहा कि मेट्रो का एलाइनमेंट और बस स्टैंड को ध्यान में रखते हुए पथ निर्माण और भवन निर्माण के अधिकारी स्थल का मुआयना कर लें।

मुख्यमंत्री को बताया गया कि परिसर के लिए 5.78 एकड़ जमीन बीएसईबी को ट्रांसफर कर दी गई है। बाकी 1.11 एकड़ के लिए पटना डीएम के पास प्रस्ताव भेजा गया है। जिस जमीन का ट्रांसफर होना बाकी है, उसमें तालाब है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब साइट एक है और जमीन गैरमजरुआ है तो ट्रांसफर में दिक्कत नहीं होगी। तालाब का सौंदर्यीकरण करें एवं चारों तरफ पेड़ लगाएं, ताकि परिसर हरा-भरा रहे। घूमने के लिए परिसर में पाथवे भी होना चाहिए। चारदीवारी इस तरह बने कि बाहर से परीक्षा में गड़बड़ी करने की कोई गुंजाइश नहीं रहे। 

सीसीटीवी व जैमर की होगी व्यवस्था

परिसर का विस्तार 6.79 एकड़ में होगा, परिसर गांधी सेतु से करीब सौ मीटर की दूरी पर ओल्ड बाइपास के पास बनाया जाएगा। पूरे परिसर, भवन एवं हॉल में सीसीटीवी और जैमर की व्यवस्था होगी। कुल क्षमता 25 हजार 80 के बैठने की होगी। ऑफलाइन एवं ऑनलाइन दोनों मोड में परीक्षाएं ली जा सकेंगी। ऑफलाइन के लिए 44 हॉल बनेंगे, जिसकी क्षमता 20 हजार 680 होगी।

ऑनलाइन के लिए कुल 20 हॉल बनाए जाएंगे, जिसकी क्षमता चार हजार चार सौ की होगी। सभी भवनों के सभी हॉल में वेबकास्टिंग की सुविधा होगी। सभी भवनों के ऊपर सोलर पैनल एवं एस्केलेटर की व्यवस्था होगी। सुरक्षा के लिहाज से 52 सिपाहियों के रहने के लिए बैरक भी होगा। अन्य स्टाफ के लिए भी आवास की व्यवस्था रहेगी। 

बैठक में शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह, शिक्षा के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, सचिव मनीष कुमार वर्मा, अनुपम कुमार, आनंद किशोर समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।  

क्यों पड़ी ऐसे परिसर की जरूरत 

मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुति में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि समिति द्वारा हर वर्ष मैट्रिक, इंटर, डिप्लोमा इन एजुकेशन, औद्योगिक प्रशिक्षण उच्च माध्यमिक स्तरीय (हिंदी एवं अंग्रेजी) परीक्षा, शिक्षक पात्रता एवं सिमुलतला आवासीय विद्यालय प्रवेश समेत कई परीक्षाएं ली जाती हैं।

इनके अलावा बिहार लोकसेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, तकनीकी सेवा आयोग, बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता पर्षद, यूपीएससी, बैंकिंग के साथ विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं शिक्षण संस्थानों की परीक्षाएं भी ली जाती हैं।

इन सभी परीक्षाओं में बड़ी संख्या में भागीदारी के चलते पटना में कई स्कूल-कॉलेजों में भी केंद्र बनाने पड़ते हैं। इससे उन संस्थानों में पढ़ाई प्रभावित होती है। विधि-व्यवस्था के लिए बड़ी संख्या में दंडाधिकारी एवं पुलिस बल की तैनाती करनी पड़ती है।

समय पर प्रश्नपत्र भेजने के लिए वाहन व्यवस्था, उत्तर पुस्तिकाओं को वज्रगृह तक सुरक्षित पहुंचाने एवं उनके रखरखाव में भी समस्या आती है। ऐसे में कभी-कभी प्रश्नपत्रों की गोपनीयता भंग होने और उनके वायरल होने का खतरा बना रहता है। 

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