Bihar Cabinet Meeting: त्रिस्तरीय पंचायतों की कमान 15 जून बाद संभालेगी परामर्शी समिति, नीतीश कैबिनेट का महत्‍वपूर्ण फैसला

Bihar Cabinet Meeting 15 जून को पंचायत जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल खत्‍म हो रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया कि पंचायती राज कानून में संशोधन होगा। कैबिनेट की मंजूरी के साथ अध्यादेश राज्यपाल को मंजूरी के लिए गया

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Tue, 01 Jun 2021 12:48 PM (IST) Updated:Tue, 01 Jun 2021 09:11 PM (IST)
Bihar Cabinet Meeting:  त्रिस्तरीय पंचायतों की कमान 15 जून बाद संभालेगी परामर्शी समिति, नीतीश कैबिनेट का महत्‍वपूर्ण फैसला
सीएम नीतीश की कैबिनेट में अहम फैसला, सांकेतिक तस्‍वीर।

पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Cabinet Meeting: राज्य सरकार त्रिस्तरीय पंचायती राज कानून में संशोधन करेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया। सरकार के निर्णय से साफ है कि 15 जून बाद त्रिस्तरीय पंचायतों के चुने हुए जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त होते ही व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी परामर्शी समिति के हवाले हो जाएगी।

हालांकि, सरकार ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि परामर्शी समिति की जिम्मेदारी किसको दी जाएगी। परामर्शी समिति में कौन-कौन रहेंगे। त्रिस्तरीय पंचायतों के मौजूदा जनप्रतिनिधि रहेंगे या अधिकारियों के हवाले पूर्णतया संचालन की जिम्मेदारी जाएगी। यह अध्यादेश में ही प्रविधान किया जाएगा। कैबिनेट की बैठक में अध्यादेश लाने का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया। उधर, पंचायती राज विभाग ने कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही अध्यादेश को मंजूरी के लिए राज्यपाल को भेज दिया है। चर्चा है कि अधिकारियों और मौजूदा त्रिस्तरीय जनप्रतिनिधियों को मिलाकर परामर्शी समिति गठित होगी।

पंचायती राज विभाग तैयार करेगा अध्यादेश : कैबिनेट ने पंचायती राज विभाग को अध्यादेश तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी है। अहम यह है कि सरकार के इस निर्णय से साफ हो गया है कि राज्य निर्वाचन आयोग अगले छह महीने चुनाव कराने नहीं जा रहा है। ऐसे में चुने हुए ढाई लाख से अधिक त्रिस्तरीय जनप्रतिनिधियों के साथ स्थानीय प्राधिकार चुनाव में चुने जाने वाले विधान पार्षदों का भविष्य भी अधर में लटक गया है।

निकाय के साथ पंचायत चुनाव पर भी विचार : कैबिनेट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, चर्चा है कि अब राज्य निर्वाचन आयोग अगले वर्ष नगर निकाय चुनाव के साथ त्रिस्तरीय पंचायतों का चुनाव भी कराने पर विचार कर रहा है। हालांकि, इस पर अभी अंतिम रूप से कोई निर्णय लिया गया है।

पिछली बार 2016 में हुए थे पंचायत चुनाव : राज्य में पंचायतों के चुने हुए प्रतिनिधियों का कार्यकाल 15 जून को समाप्त हो रहा है। ये वे प्रतिनिधि हैं, जो 2016 में चुन कर आए थे। पूर्व में चर्चा थी कि मई अथवा जून में चुनाव होंगे, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर की वजह से मई-जून में प्रस्तावित चुनाव टलते गए। जून में मानसून भी आ जाएगा, ऐसी स्थिति में ग्रामीण क्षेत्रों में चुनाव कराना एक बड़ी चुनौती है। कोरोना और मानसून जैसी समस्याओं को देखते हुए सरकार ने वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार प्रारंभ किया था। अब यह तय हुआ कि पंचायत के चुने हुए प्रतिनिधियों का कार्यकाल नहीं बढ़ेगा। इनके स्थान पर परामर्शी समिति पंचायतों का कामकाज देखेगी।

मांझी ने मुख्यमंत्री को कहा धन्यवाद

 पंचायत चुनाव नहीं होने पर उसकी जगह पंचायतों में परामर्श समिति का गठन करने पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री को नीतीश कुमार को धन्यवाद कहा है। मंगलवार को उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि परामर्श समितियों में वर्तमान पंचायत सदस्यों के साथ-साथ विधायक प्रतिनिधि भी शामिल होंगे, जिससे गांवों का विकास बाधित नहीं होगा।

निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों का ब्योरा

ग्राम पंचायत मुखिया- 8,398

ग्राम पंचायत सदस्य- 1,15,191

पंचायत समिति सदस्य- 11,566

जिला जिला परिषद सदस्य- 1,162

सरपंच- 8,398

ग्राम कचहरी पंच- 1,15,191

कैबिनेट के अन्‍य फैसले

अक्षय पात्रा फाउंडेशन व इस्‍कॉन देंगे मिड डे मिल

एक अन्य फैसले में मंत्रिमंडल ने अक्षय पात्रा फाउंडेशन बेंगलुरू और इस्कॉन चैरिटेबल ट्रस्ट पटना को पटना जिले के दानापुर, फुलवारीशरीफ और पटना सदर के चिन्हित स्कूलों में मध्यान भोजन आपूर्ति करने के लिए नामांकन के आधार पर चयन करने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया है।

बाल सहायता योजना स्‍वीकृत

समाज कल्याण विभाग के एक प्रस्ताव पर चर्चा के बाद मंत्रिमंडल ने कोरोना महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों के बेहतर पालन पोषण, उन्हें आवास सुविधा मुहैया कराने के साथ सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए बाल सहायता योजना के संचालन के साथ इस योजना के लिए बजट में राशि उपबंध करने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया है।

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