Bihar Assembly Election: लालू राज की छवि से बाहर निकलना चाह रहे तेजस्‍वी, बार-बार मांग रहे माफी

Bihar Assembly Election तेजस्‍वी यादव ने लालू-राबड़ी काल में हुई गलतियों के लिए तीसरी बार माफी मांगी है। वे लालू राज की छवि से बाहर निकलना चाह रहे हैं। पूरा मामला जानिए यहां।

By Amit AlokEdited By: Publish:Fri, 03 Jul 2020 06:52 PM (IST) Updated:Sat, 04 Jul 2020 08:43 PM (IST)
Bihar Assembly Election: लालू राज की छवि से बाहर निकलना चाह रहे तेजस्‍वी, बार-बार मांग रहे माफी
Bihar Assembly Election: लालू राज की छवि से बाहर निकलना चाह रहे तेजस्‍वी, बार-बार मांग रहे माफी

पटना, अरविंद शर्मा। Bihar Assembly Election 2020: राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के बेटे व उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को बिहार में एक मौके की दरकार है। लोकसभा चुनाव (LS Election) में उन्होंने पिता की तर्ज पर राजनीति करके खुद को आजमा लिया है। सिफर नतीजे ने उन्हें आभास करा दिया है कि तीन दशक पहले जिस रास्ते पर चलते हुए लालू प्रसाद यादव को मंजिल मिली थी, वह रास्ता अब घिस-पिट गया है। पुराने पैटर्न पर राजनीति करके आरजेडी को सत्ता में वापस नहीं कराया जा सकता है। इसलिए विधानसभा चुनाव से पहल माता-पिता के कार्यकाल की गलतियों के लिए माफी मांगकर उन्होंने अपनी पार्टी की छवि बदलने की पहल की है।

खास बात यह है कि तेजस्‍वी ने लालू-राबड़ी काल में हुई गलतियों के लिए पहली बार माफी नहीं मांगी है। पहले भी दो बार वे माफी मांग चुके हैं।

15 साल बनाम 15 साल के मुद्दे से परेशान तेजस्वी यादव

सवाल है कि तेजस्वी को माफी मांगने की जरूरत क्यों आन पड़ी? लालू-राबड़ी ने 15 वर्षों के शासन में कौन सी गलती की थी, जिसके लिए उनके वारिस को माफी मांगने की जरूरत पड़ रही है? नीतीश के 15 साल बनाम लालू के 15 साल के मुद्दे ने तेजस्वी को हाल के दिनों में काफी परेशान किया है।

लालू ने कुछ समुदायों का किया विरोध, कुछ को गोलबंद

सवाल यह भी कि ऐसी तुलना की जरूरत क्यों? जवाब जानने के लिए 25 वर्ष पहले लौटना होगा। 1995 के विधानसभा चुनाव से पहले भूराबाल (भूमिहार-राजपूत-ब्राह्मण-लाला) साफ करो का नारा देकर लालू ने बाकी मतदाताओं को गोलबंद करने की कोशिश की। कामयाब भी हुए। राज्य में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी। वह बिहार में सामूहिक नरसंहारों का दौर था और सरकार अपराधियों पर नियंत्रण में असफल हो रही थी। लालू ने बिहार के दो बड़े सामाजिक समूहों मुस्लिम (Muslim) और यादव (Yadav) के लिए माय (MY) समीकरण का भी नारा दिया था।

2005 से अबतक के छह में से पांच चुनावाके में मिली हार

किंतु 2005 के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) व जनता दल यूनाइटेड (JDU) की संयुक्त ताकत के उभार के बाद से बिहार में लालू का जादू मंद पड़ गया। 2015 के विधानसभा चुनाव को अपवाद माना जा सकता है, जिसमें नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के चेहरे को आगे करके लालू ने महागठबंधन (Mahagathbandhan) बनाया और आरजेडी के 80 विधायक जीत गए। किंतु सच्चाई यह भी है कि 2005 से अबतक लोकसभा एवं विधानसभा के हुए छह चुनावों में से लालू को पांच में करारी हार का सामना करना पड़ा है।

सबको साथ लेकर चलने व माफी मांगने से परहेज नहीं

जाहिर है, नतीजों के समग्र विश्लेषण ने तेजस्वी को नई चाल आजमाने के लिए प्रेरित किया है। अब वह सबको साथ ले चलने की बात करने लगे हैं। विकास की गंगा बहाने का वादा करने लगे हैं। समाज को बांटकर वोट का जुगाड़ करने के बजाय रोजगार, खुशहाली और जात-पात से ऊपर उठकर सबको सम्मान देने की बात करने लगे हैं। अब तो सार्वजनिक मंचों से माफी मांगने से भी गुरेज-परहेज नहीं कर रहे हैं।

केवल भाषणों में ही नहीं बात, प्रयोग भी कर दिया शुरू

सिर्फ भाषणों में ही नहीं, बल्कि प्रयोग भी प्रारंभ कर दिया है। लोकसभा चुनाव के बाद राजपूत जाति के जगदानंद सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाया। अभी महीने भर पहले भूमिहार जाति के अमरेंद्र धारी सिंह को राज्यसभा का सदस्य बनाकर सवर्ण विरोधी पार्टी के नेता होने के इल्जाम से खुद को बरी करने की कोशिश भी की है। विधानसभा में सबको टिकट देने का वादा भी कर रहे हैं।

तेजस्‍वी ने पहले कब-कब मांगी माफी, जानिए

23 फरवरी को वेटनरी कालेज मैदान में

लालू-राबड़ी सरकार के समय कुछ गलतियां हुई होंगी। मैं उसे स्वीकार करता हूं। उसके लिए आप सबसे माफी भी मांगता हूं। किंतु अब नया जमाना है और पुरानी बातों को भूलकर हमें नया बिहार बनाना है।

2 जुलाई को आरजेडी कार्यालय में

जब आरजेडी की सरकार थी, तब मैं छोटा था। वह दौर अलग था। 15 सालों में हमसे कोई भूल हुई होगी तो मैं माफी मांगता हूं। किंतु इससे कोई इनकार नहीं कर सकता कि लालू प्रसाद ने सामाजिक न्याय नहीं किया।

chat bot
आपका साथी