Bihar Education News: वीर कुंवर सिंह विवि के स्‍टूडेंट्स के लिए खबर, अब 30 तक भरें स्नातक पार्ट 3 का परीक्षा फॉर्म

Bihar Education News वीर कुंवर सिंह विवि में सत्र 2017 से 20 तक के परीक्षा फॉर्म को भरने की तिथि को विस्तारित कर 30 अक्टूबर तक कर दिया गया है। पहले परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि 15 अक्टूबर तक थी। इसकी अधिसूचना परीक्षा विभाग ने निर्गत कर दी है।

By Amit AlokEdited By: Publish:Thu, 15 Oct 2020 01:26 PM (IST) Updated:Thu, 15 Oct 2020 01:26 PM (IST)
Bihar Education News: वीर कुंवर सिंह विवि के स्‍टूडेंट्स के लिए खबर, अब 30 तक भरें स्नातक पार्ट 3 का परीक्षा फॉर्म
वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में स्नातक पार्ट 3 के परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि 30 तक बढ़ी

भाेजपुर, जेएनएन। वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्नातक पार्ट 3 , सत्र 2017 से 20 के परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि को फिर एक बार विस्तारित कर 30 अक्टूबर तक कर दिया है। बता दें कि पूर्व में परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि 15 अक्टूबर तक सुनिश्चित की गई थी। बढ़ी तिथि से छात्र-छात्राओं को परीक्षा फॉर्म भरने में परेशानी नहीं होगी । इस बाबत अधिसूचना बुधवार को परीक्षा विभाग ने निर्गत की । परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर इमाम ने बताया कि, स्नातक परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि 30 अक्टूबर तक कर दिया गया है । इसका कारण है अभी तक सभी छात्र-छात्राओं का फॉर्म नहीं भरा गया है । उन्होंने बताया कि अक्टूबर माह में रिजल्ट सुधार के बाद पार्ट थर्ड के अंतिम वर्ष की परीक्षा ली जाएगी।

33,665 छात्र-छात्राओं ने नहीं लिया नामांकन

एक ओर वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में दाखिले के लिए करीब 60,000 छात्र छात्राओं को कॉलेज नहीं मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर मेधा सूची में नाम आने के बावजूद 33,665 छात्र-छात्राओं ने नामांकन लेने से इनकार कर दिया। विवि में स्नातक पार्ट वन सत्र 2020- 23 में दाखिले के लिए 1.35 लाख आवेदन आए थे। इसमें अगली मेधा सूची तक करीब 1.26 लाख छात्र-छात्राओं का नाम जारी हो जाएगा। इसमें विश्वविद्यालय प्रशासन ने सात मेधा सूची निकालकर विद्यार्थियों को नामांकन का मौका दिया है। आठवीं मेधा सूची का नामांकन चल रहा है।

ऑन स्पॉट एडमिशन की आड़ में रोक देते हैं नामांकन

विश्वविद्यालय के छात्र अध्यक्ष केके सिंह ने बताया कि छात्रों को बाद में ऑफलाइन होने के बाद कर देते हैं। जबकि विद्यालय नियम के अनुसार छात्र छात्राओं का नाम सूची में जारी हो जाता है । उसका नाम दुबारा जारी किया जाता है । इसके कारण हजारों छात्र रह जाते हैं। छात्रों को बाद में ऑप्शन लेने की योजना बनाई गई। इसके कारण सैकड़ों छात्रों को मिलने की संभावना है। इससे छात्रों को सुविधा हो कि दूसरे विश्वविद्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

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