एवरेज मार्किंग के कारण 90 प्लस अंक वाले परीक्षार्थी घटे

सीबीएसई 10वीं में इस साल 90 प्लस और 95 प्लस अंक प्राप्त करने वाले परीक्षार्थियों की संख्या घटी

By JagranEdited By: Publish:Thu, 16 Jul 2020 01:38 AM (IST) Updated:Thu, 16 Jul 2020 06:16 AM (IST)
एवरेज मार्किंग के कारण 90 प्लस अंक वाले परीक्षार्थी घटे
एवरेज मार्किंग के कारण 90 प्लस अंक वाले परीक्षार्थी घटे

पटना। सीबीएसई 10वीं में इस साल 90 प्लस और 95 प्लस अंक प्राप्त करने वाले परीक्षार्थियों की संख्या में कमी आई है। सीबीएसई की मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी ने बताया कि 2019 में ओवरऑल रिजल्ट के 12.78 फीसद (दो लाख 25 हजार 143) परीक्षार्थियों ने 90 फीसद से अधिक अंक प्राप्त किया था। इस बार 9.84 फीसद ने 90 फीसद से अधिक अंक प्राप्त किया है। इनकी संख्या एक लाख 84 हजार 358 है।

वहीं, पिछले साल ओवरऑल रिजल्ट के 3.25 फीसद (57,256) ने 95 फीसद से अधिक अंक प्राप्त किया था। इस बार ओवरऑल रिजल्ट के 2.23 फीसद (41 हजार 804) ने 95 फीसद से अधिक अंक प्राप्त किया है। केंद्रीय विद्यालय के शिक्षक डॉ. एसपी सिन्हा का कहना है कि इस बार कई पेपर की परीक्षा लॉकडाउन के कारण नहीं हुई है। छूटे हुए पेपर में औसत मार्किंग की गई है। कम मार्किंग का यह भी एक कारण हो सकता है। बिहार बोर्ड के टॉप-5 को ही मिला 95 प्लस

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से आयोजित 10वीं के रिजल्ट में इस साल 95 प्लस अंक प्राप्त करने वालों में केवल टॉप-5 के छात्र-छात्रा ही शामिल हो सके थे। टॉपर हिमांशु ने 500 में 481 अंक प्राप्त किया था। छठे स्थान पर रहे छात्र को 90 फीसद अंक मिले थे। 2019 में टॉपर को 486 अंक (97.2 फीसद) मिले थे। इस साल भी टॉप-10 में शामिल सभी अभ्यर्थी 95 फीसद से अधिक अंक प्राप्त नहीं कर सके थे जबकि 2018 में एक भी परीक्षार्थी 95 प्लस का आंकड़ा नहीं छू सका था। 2018 में बिहार बोर्ड टॉपर को 500 में 457 (91.4 फीसद) अंक मिले थे।

सिमुलतला आवासीय विद्यालय के संस्थापक प्राचार्य डॉ. शंकर कुमार का कहना है कि गैर वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के उत्तर में पूर्णता अपेक्षित नहीं हो सकती और सुधार की गुंजाइश और प्रयोगवाद की जगह हमेशा होती है। ऐसी कॉपियां सार्वजनिक भी की जानी चाहिए ताकि ये उदाहरण उपस्थापित कर सकें। तीन आधार पर जारी हुआ रिजल्ट

केंद्रीय विद्यालय बेली रोड के प्राचार्य पीके सिंह ने बताया कि लॉकडाउन के कारण सभी पेपर की परीक्षा इस साल नहीं हो सकी है। इस कारण तीन आधार पर रिजल्ट तैयार किया गया है। जो विद्यार्थी सभी पेपर की परीक्षाओं में शामिल हुए हैं, उनका रिजल्ट उनके प्रदर्शन के आधार पर जारी किया गया है। इस कैटेगरी में बिहार के अधिसंख्य विद्यार्थी हैं।

ऐसे विद्यार्थी जो तीन से अधिक विषयों की परीक्षा में शामिल हुए हैं, उनके तीन सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन वाले विषयों में प्राप्त किए गए अंकों का औसत उन विषयों में दिया गया है, जिनमें परीक्षार्थी शामिल नहीं हुए। इसी तरह विद्यार्थी जो केवल तीन विषयों की परीक्षा में शामिल हुए हैं, उनके दो सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन वाले विषयों में प्राप्त किए गए अंकों का औसत उनके विषयों में दिया गया, जिनकी परीक्षाएं आयोजित नहीं की जा सकी।

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