पटना में जलजमाव के दौरान वकील की तड़प-तड़प कर चली गई थी जान, कठघरे में DM-SSP

पटना में जलजमाव के दौरान एक वकील की मौत हो गई थी। जागरण में खबर छपने के बाद राज्‍य मानवाधिकार आयोग ने इसे गंभीरता से लिया तथा इस मामले को प्रशासनिक लापरवाही माना।

By Rajesh ThakurEdited By: Publish:Sat, 12 Oct 2019 05:04 PM (IST) Updated:Sat, 12 Oct 2019 09:37 PM (IST)
पटना में जलजमाव के दौरान वकील की तड़प-तड़प कर चली गई थी जान, कठघरे में DM-SSP
पटना में जलजमाव के दौरान वकील की तड़प-तड़प कर चली गई थी जान, कठघरे में DM-SSP

पटना, राज्य ब्यूरो। भीषण बारिश और उसके चलते हुए जलजमाव के दौरान एक वकील की मौत हो गई थी। इस खबर को दैनिक जागरण ने प्रमुखता से छापा। अब इस पर राज्य मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष उज्जवल कुमार दुबे ने इसके लिए पटना प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार माना है। इतना ही नहीं, उन्होंने पटना के डीएम कुमार रवि एवं एसएसपी गरिमा मलिक से जवाब तलब किया है। 25 अक्टूबर तक जवाब देने का समय निर्धारित है। 

मानवाधिकार आयोग ने कहा है कि जलजमाव में घिरे वकील ने इलाज के अभाव में तड़प-तड़पकर जान दे दी। उनके परिजनों ने मदद के लिए स्थानीय प्रशासन से सहयोग मांगा, किंतु उन्हें निराशा हाथ लगी। घटना 29 सितंबर की है।

कंकड़बाग के रेंटल फ्लैट संख्या-258 में परिवार के साथ रहने वाले पटना सिविल कोर्ट के 55 वर्षीय वकील प्रमोद को दिल का दौरा पड़ा। परिजनों ने अस्पताल तक ले जाने के लिए प्रशासन से गुजारिश की। जिला नियंत्रण कक्ष, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सिविल सर्जन एवं कंकड़बाग थाने को फोन किया गया, किंतु कहीं से मदद नहीं मिली। इस दौरान सभी अपनी जिम्मेवारी एक-दूसरे पर फेंकते रहे।

जिस समय वकील प्रमोद को दिल का दौरा पड़ा, उस समय कंकड़बाग में पांच फीट से ज्यादा पानी भरा हुआ था। वकील को  दौरा पडऩे पर परिजन परेशान हो गए। अपने स्तर से वे वकील को अस्पताल तक ले जाने में असमर्थ थे। लिहाजा वकील कई घंटे तक बैचेन रहे और अंत में इलाज के अभाव में उनकी मौत हो गई। 

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