यहां अंगारों से होकर गुजरती थीं ट्रेनें, इस तरह हुआ खतरे का 'द एंड'

धनबाद व चंद्रपुरा के बीच रेल लाइन पर ट्रेनें अंगाराें पर से गुजर रहीं थीं। इस खतरे का द एंड करते हुए बुधवार आधी रात से यहां ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया गया है।

By Amit AlokEdited By: Publish:Wed, 14 Jun 2017 09:31 PM (IST) Updated:Thu, 15 Jun 2017 11:21 PM (IST)
यहां अंगारों से होकर गुजरती थीं ट्रेनें, इस तरह हुआ खतरे का 'द एंड'
यहां अंगारों से होकर गुजरती थीं ट्रेनें, इस तरह हुआ खतरे का 'द एंड'

पटना [जेएनएन]। इस इलाके में 120 साल से ट्रेनें आग के दरिया के ऊपर से गुजर रही थी। हर दिन हजारों यात्रियों की जान खतरे में रहती थी। आज इस खतरे का द एंड हो गया। हम बात कर रहे हैं धनबाद और चंद्रपुरा रेल लाइन पर बुधवार रात से ट्रेनों के परिचालन के बंद किए जाने की।

धनबाद-चंद्रपुरा रेल रूट बुधवार की आधी रात से बंद कर दी गई है। दरअसल, यहां की कोयला खदानों में जमीन के भीतर आग लगी हुई है। इस कारण जमीन धंसने की आशंका है। इसका खुलासा 2005 में ही हो चुका था, लेकिन सरकार को रेल परिचालन बंद करने का फैसला लेने में और 12 साल लग गए।

बुधवार रात से इस रेलखंड पर 13 मेल-एक्‍सप्रेस व छह पैसेंजर ट्रेनें बंद कर दी गई हैं। अचानक रूट बंद होने से यात्रियों में आक्रोश देखा जा रहा है। जनाक्रोश कितना गहरा है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गुरुवार को केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल की यात्रा रद कर दी गई है।

रूट पर ट्रेनों का परिचालन बंद होने के कारण भागलपुर का रांची, धनबाद, बोकारो, सेथिया आदि जगहों से रेल से संपर्क टूट गया है। दस-बारह साल पूर्व भागलपुर से रांची ट्रेन सेवा शुरू की गई थी। रेल सेवा भंग होने की स्थिति में भागलपुर के लोगों को रांची, धनबाद, बोकारो के लिए सड़क मार्ग पर ही निर्भर रहना पड़ेगा।

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भागलपुर के स्टेशन अधीक्षक ओंकार प्रसाद ने बताया कि निदेशक जेनरल (माइंस सेफ्टी) ने पूर्व रेलवे के मुख्यालय को सूचित किया है कि धनबाद और चंद्रपुरा के बीच माइंस के अंदर आग लग गई है, जिससे जमीन धंस रही है। ऐसी स्थिति में ट्रेन परिचालन से ट्रैक धंस सकता है। इससे ट्रेन दुर्घटना हो सकती है।

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