पंचायतों में नियमित रूप से नहीं चल रहा आरटीपीएस काउंटर

पंचायतों में नियमित रूप से नहीं चल रहा आरटीपीएस काउंटर

By JagranEdited By: Publish:Fri, 26 Aug 2022 04:02 AM (IST) Updated:Fri, 26 Aug 2022 04:02 AM (IST)
पंचायतों में नियमित रूप से नहीं चल रहा आरटीपीएस काउंटर
पंचायतों में नियमित रूप से नहीं चल रहा आरटीपीएस काउंटर

पंचायतों में नियमित रूप से नहीं चल रहा आरटीपीएस काउंटर

पंचायतों में नियमित रूप से नहीं चल रहा आरटीपीएस काउंटर

संवाद सूत्र, रजौली, नवादा: मुख्यालय स्थित प्रखंड कार्यालय एवं अनुमंडल कार्यालय पर आरटीपीएस काउंटर चल रहे हैं। इसके माध्यम से तमाम तरह के कार्य भी हो रहे हैं। इसके अलावा सरकारी निर्देश पर पंचायतों में आरटीपीएस काउंटर चलाने की कवायद हुई थी। मगर प्रखंड के पंचायतों में आरटीपीएस काउंटर सिर्फ कागजों में ही संचालित हैं।जबकि प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी राजन कुमार का दावा है कि सिर्फ 10 दिनों के लिए ही आरटीपीएस काउंटर बंद थे। क्योंकि कार्यपालक सहायकों को विशेष कार्य हेतु प्रखंड में बुलाया गया था।

प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी का दावा: सभी पंचायतों में काम कर रहे आरटीपीएस काउंटर

प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी ने बताया कि प्रखंड के तमाम पंचायतों में आरटीपीएस चल रहे हैं। जहां भवन नहीं हैं वहां अगल-बगल के सरकारी भवनों में आनलाइन का कार्य चल रहा है। जबकि हरदिया, सवैया टांड़, लेंगुरा, जोगियामारण, शिरोडाबर, धमनी, फरखा बुजुर्ग, मुरहेना सहित अन्य पंचायतों में शुरूआत में एक दो दिनों तक आरटीपीएस काउंटर खुलने बाद से लगातार बंद रह रहा है। ग्रामीणों की मानें तो प्रखंड क्षेत्र के अधिकांशतः पंचायतों में आरटीपीएस काउंटर संचालित नहीं है। सवैयाटांड़ पंचायत की मुखिया नारायण सिंह ने बताया कि उनके पंचायत में अबतक आरटीपीएस काउंटर नहीं संचालित किया जा सका है। क्योंकि पंचायत सरकार भवन राशि के अभाव में अधूरा बना हुआ है। जिसके कारण जरूरत मंद लोगों के आवेदन को रजौली प्रखंड कार्यालय में कार्यरत कार्यपालक सहायकों को देकर कार्य कराया जाता है।

जंगल क्षेत्र के लोगों ने कहा- 60-70 किमी. दूर जाकर बनवाना पड़ता है प्रमाण पत्र

सवैयाटांड़ के बाराटांड़ गांव निवासी नौशाद आलम,युगल रिक्याशन, श्रवण कुमार, शरफराज आलम आदि लोगों ने कहा कि जाति, आवासीय, आय, ओबीसी, पेशन,राशन कार्ड आदि के लिए यहां से आनलाइन आवेदन की सुविधा प्राप्त होती तो ग्रामीणों के लिए काफी अच्छा होता। रजौली जाने के लिए हम लोगों को बरसात के समय में 70 से 80 किलोमीटर की दूरी झारखंड राज्य के कोडरमा होते हुए तय करना पड़ता है। इस संबंध में पंचायती राज पदाधिकारी राजन कुमार ने बताया कि सभी पंचायतों में कार्यपालक सहायकों को आरटीपीएस काउंटर खोल कर बैठने का निर्देश दिया गया है। अगर वे लोग नहीं बैठ रहे हैं तो इसकी जांच की जाएगी। साथ ही उनसे प्रत्येक दिनों का फीडबैक लिया जाएगा।

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