कई सरकारी भवन अधूरे तो कुछ पूरे होने के बाद भी अनुपयोगी

पकरीबरावां प्रखंड में विभिन्न सरकारी मदों से बने कई भवन वर्षों से अनुपयोगी बना हुआ ।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 08 Jul 2018 06:29 PM (IST) Updated:Sun, 08 Jul 2018 06:29 PM (IST)
कई सरकारी भवन अधूरे तो कुछ पूरे होने के बाद भी अनुपयोगी
कई सरकारी भवन अधूरे तो कुछ पूरे होने के बाद भी अनुपयोगी

नवादा । पकरीबरावां प्रखंड में विभिन्न सरकारी मदों से बने कई भवन वर्षों से अनुपयोगी बना हुआ है। प्रखंड मुख्यालय के अलावा विभिन्न गांवों में ऐसे दर्जनों भवन हैं, जिसके निर्माण के उद्देश्यों के बारे में कोई नहीं जानता है। ये भवन किस उपयोग के लिए बना है, किस मद से बनाया गया है, संवेदक द्वारा विभाग को हैंडओवर किया गया या नहीं, इन सारी बातों की कोई जानकारी नहीं है। कुछ भवन तो बनने के बाद बिना उपयोग में आए ही जर्जर हो गए हैं, तो कुछ भवन का निर्माण अधर में लटका है। भवन के आगे किसी तरह का बोर्ड भी नहीं लगाया गया है। ताज्जुब की बात है कि ऐसे भवनों के बारे में प्रखंड के पदाधिकारियों को भी जानकारी नहीं है। पूछे जाने पर पदाधिकारी जानकारी प्राप्त करने की बात कह पल्ला झाड़ लेते हैं।

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कहीं अधूरा तो कहीं पूर्ण होने के बाद भी अनुपयोगी

-पकरीबरावां में कई भवनों का निर्माण कार्य वर्षों से लंबित है। प्रखंड कार्यालय परिसर में आरटीपीएस कार्यालय के पीछे बना भवन वर्षों से अधूरा है। छत की ढलाई नहीं की गई है। आलम यह है कि अब दीवारें भी अपनी गुणवत्ता खो रही है। लोग इसका इस्तेमाल पेशाबखाना के रूप में कर रहे हैं। यह भवन किस कार्य के लिए बनाया जा रहा था व निर्माण अधूरा क्यों है इसकी भी किसी को जानकारी नहीं है। धमौल बाजार में भी कई भवन बनाए गए हैं, परंतु आज तक उपयोग नहीं हो रहा है। मनरेगा भवन के निर्माण हुए दो साल से अधिक का समय हो चुका है, परंतु आज तक यहां मनरेगा से जुड़ा कोई काम नहीं हुआ है। यह जुआड़ियों का अड्डा बनकर रह गया है। आंगनबाड़ी भवन भी बनकर तैयार है, परंतु विभाग को हैंडओवर नहीं किया गया है। नतीजतन आंगनबाड़ी भवनों की कोई उपयोगिता नहीं रह गई है। अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र धमौल के पास ही एक अधूरा यात्री शेड भी बनाया गया है। लगभग दस वर्ष पूर्व इसका निर्माण शुरू हुआ, परंतु आज तक पूरा नहीं हो सका। इसके अतिरिक्त कई अन्य भवन हैं, जो बेकार पड़े हैं।

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क्या कहते हैं अधिकारी

- बेकार पड़े व अधूरे भवन के बारे में जानकारी ली जा रही है। पूर्ण भवनों को विभाग को हैंडओवर करने के लिए संबंधित पंचायत सचिव को निर्देशित किया जाएगा। अधूरे भवनों के बारे में जानकारी लेकर उचित कार्रवाई की जाएगी।

डॉ. अखिलेश कुमार, बीडीओ, पकरीबरावां।

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