नशे की हालत में सदर पीएचसी प्रभारी गिरफ्तार

शराबबंदी कानून का सरकारी अफसर व कर्मी ही मजाक उड़ाने में लगे हुए हैं। प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित सदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में गुरुवार को प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अशोक प्रसाद नशे की हालत में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 Feb 2020 11:18 PM (IST) Updated:Fri, 21 Feb 2020 06:12 AM (IST)
नशे की हालत में सदर पीएचसी प्रभारी गिरफ्तार
नशे की हालत में सदर पीएचसी प्रभारी गिरफ्तार

शराबबंदी कानून का सरकारी अफसर व कर्मी ही मजाक उड़ाने में लगे हुए हैं। प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित सदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में गुरुवार को प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अशोक प्रसाद नशे की हालत में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। नगर थाना में लाकर ब्रेथ एनालाइजर से जांच की गई। जिसमें पीएचसी प्रभारी के नशे में होने की पुष्टि हुई। पीएचसी प्रभारी की गिरफ्तारी के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया।

नगर थाना की पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि सदर पीएचसी परिसर में जाम छलक रहा है। जिसके बाद एसआइ विजय सिंह पुलिस बल के साथ छापेमारी की। इस दौरान पीएचसी परिसर को खंगाला गया, लेकिन वहां शराब नहीं मिली। पर पीएचसी प्रभारी नशे की हालत में मिले। जिसके बाद उन्हें हिरासत में लेकर नगर थाना लाया गया और ब्रेथ एनेलाइजर से जांच की गई। जिसमें प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के नशे में होने की पुष्टि हुई। इससे पहले छापेमारी के दौरान पीएचसी प्रभारी शराब पीने की बात से साफ इन्कार करते रहे। पीएचसी में छापेमारी और प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की गिरफ्तारी के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया। इसकी जानकारी पाकर कई स्वास्थ्यकर्मी थाना भी पहुंच गए। नगर थानाध्यक्ष संजीव कुमार ने बताया कि चिकित्सक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जा रही है। बहरहाल, जिले में सरकारी अफसर की नशे की हालत में गिरफ्तारी का यह पहला मामला है।

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पांच दिन पहले समाहरणालय परिसर से एक कर्मी हुआ था गिरफ्तार

- पांच दिनों के अंतराल में सरकारी कर्मियों की गिरफ्तारी का यह दूसरा मामला है। इसके पहले 14 फरवरी को समाहरणालय परिसर में जाम छलकाए जाने की सूचना पर पुलिस ने छापेमारी की थी। जिसमें एक समाहरणालय कर्मी धनंजय कुमार समेत प्रदीप सिंह व दीपू कुमार की गिरफ्तारी हुई थी। प्रदीप भी समाहरणालय परिसर में जेनरेटर और मोटरपंप चलाने का काम करता था। लगातार सरकारी अफसर व कर्मियों की नशे की हालत में गिरफ्तारी के बाद कई प्रकार के सवाल खड़े होने लगे हैं। यह स्थिति तब है जबकि सार्वजनिक रुप से सरकारी बाबुओं ने शराबबंदी को प्रभावी बनाए रखने की शपथ ले रखी है।

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