धनार्जय नदी पर बना डायवर्सन टूटा, आवागमन बाधित

रजौली धनार्जय नदी में पानी के बहाव के बाद डायवर्सन बह गया। डायवर्सन बहने से बाजार से सिमरकोल का संपर्क भंग हो गया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि पुराना पुल ध्वस्त होने के बाद नया निर्माण कराया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 14 Jul 2020 11:16 PM (IST) Updated:Wed, 15 Jul 2020 06:10 AM (IST)
धनार्जय नदी पर बना डायवर्सन टूटा, आवागमन बाधित
धनार्जय नदी पर बना डायवर्सन टूटा, आवागमन बाधित

रजौली : धनार्जय नदी में पानी के बहाव के बाद डायवर्सन बह गया। डायवर्सन बहने से बाजार से सिमरकोल का संपर्क भंग हो गया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि पुराना पुल ध्वस्त होने के बाद नया निर्माण कराया जा रहा है। वैकल्पिक व्यवस्था के लिए संवेदक द्वारा डायवर्शन का निर्माण कराया गया था। लगातार बारिश होते रहने से पानी उस डायवर्सन के उपर से पार होना शुरू हो गया था। डायवर्सन से एक से डेढ़ फीट उपर लगतार पानी बह रहा था। डायवर्सन कमजोर होने की वजह से पानी की तेज धार के सामने टिक नहीं सका और देखते ही देखते करीब 25 फीट तक डायवर्सन नदी में समा गया। जिसके कारण पिछले दो दिनों से मार्ग पर आवागमन बंद है। प्रखंड मुख्यालय एवं बाजार प्रभावित होने से आमलोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ा है। खासकर रोजाना बाजार जाने वाले सब्जी, दूध बिक्रेताओं के सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है। यह पुल पटना रांची मुख्य मार्ग समेत आसपास के दर्जनों गांवों को जोड़ने का काम करती है। पुल निर्माण कंपनी के संवेदक की लापरवाही से बड़ी संख्या में लोगों की आवाजाही पर विराम लग गया है। कई लोगों के कारोबार प्रभावित हो गए।रजौली पश्चिमी, अमावां ,बहादुरपुर,लेंगुरा, धमनी, मुरहेना आदि पंचायतों के दर्जनों गांव के सैकड़ों गांव लोगों का प्रखंड सह अंचल मुख्यालय, बैंक, बाजार आदि आना-जाना लगा रहता है। डायवर्सन टूटने से अब परेशानी बढ़ गई है। पंचायतवासियों ने कहा कि पंचायत से मुख्यालय की दूरी 3 किलोमीटर से 15 किलोमीटर के बीच पहले से हीं थी।अब मुख्यालय जाने के करीब 20 किलोमीटर की दूरी तयकर पहुंचना होगा। पहले जान जोखिम में डालने जैसी कोई बात नहीं थी। अब एनएच 31 सड़क मार्ग होकर मुख्यालय आने से जान जाने का डर लगा रहता है। क्योंकि इस मार्ग पर ट्रकों समेत अन्य वाहनों का आना-जाना लगा रहता है। जिनकी रफ्तार काफी तेज होती है। स्थानीय सतीश कुमार , मनीष कुमार सोनी, बब्लू कुमार, शनिचर माली,पवन सिंह आदि ने बताया कि संवेदक की लापरवाही से परेशानी झेलनी पड़ रही है। पुराने पुल को तोड़ने से पहले ही मजबूत डायवर्सन का निर्माण कर लेना चाहिए था। एसडीओ चंद्रशेखर आजाद ने पूर्व में भी जिलाधिकारी को डायवर्सन निर्माण करवाने का अनुरोध पत्र भेजा था। उसके बाद भी अब तक कोई भी वैकल्पिक व्यवस्था नहीं बहाल की गई है।

chat bot
आपका साथी