दो नाबालिग बेटियां हो गईं गुम, तलाश में भटक रही मां की भी लुट गई अस्मत

करीब दो साल पहले गुम हो गईं अपनी दो नाबालिग बेटियों की तलाश में भटक रही एक दुखियारी मां के साथ अपराधियों ने दुष्कर्म किया। पुलिस अब अपराधियों की तलाश में जुटी है।

By Kajal KumariEdited By: Publish:Thu, 30 Mar 2017 11:31 AM (IST) Updated:Thu, 30 Mar 2017 08:20 PM (IST)
दो नाबालिग बेटियां हो गईं गुम, तलाश में भटक रही मां की भी लुट गई अस्मत
दो नाबालिग बेटियां हो गईं गुम, तलाश में भटक रही मां की भी लुट गई अस्मत

नवादा [जेएनएन]। इसे दबंगों की दबंगई कहें या पुलिस की लापरवाही। दो नाबालिग बेटियां तो अबतक मिली नहीं, मां की भी अस्मत लुट गई। बेटियों की तलाश के क्रम में प्रशासन पर लगातार बनाए जा रहे दवाब से खार खाए दबंगों ने मां की इज्जत लूट ली। यह वाक्या है नगर पंचायत क्षेत्र के एक मोहल्ले में किराए के मकान में रह रही महिला का है। महिला मूल रुप से समस्तीपुर जिला की रहने वाली है।

क्या है मामला

महिला अपने पति के साथ समस्तीपुर चली गई थी। दोनों नाबालिग बेटियां रागिनी (15) व राजमणि (13) वारिसलीगंज में ही थी। 18 अगस्त 2015 को महिला को सूचना मिली कि दोनों बेटियां घर पर नहीं है। आनन-फानन में वह घर लौटी और आसपास पता किया, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली।

थक-हार कर वारिसलीगंज थाना में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई गई। घटना को करीब डेढ़ साल हो गए, लेकिन अबतक दोनों को बरामद नहीं किया जा सका।

शेखपुरा के मकान मालिक पर शक

महिला के अनुसार, वह अपने बेटियों व पति के साथ शेखपुरा में रहती थी। लेकिन मकान मालिक व बेटों की नियत अच्छी नहीं थी। इसके बाद वह बरबीघा में रहने लगी। लेकिन मकान मालिक के बेटे वहां भी पहुंचकर तंग करने लगे। अंतिम में भरण-पोषण की ङ्क्षचता से दबी वारिसलीगंज चली आई। लेकिन यहां से भी दोनों बेटियों को गायब कर दिया गया। उसका शक शेखपुरा के ही  मकान मालिक व उसके बेटों पर है। 

बेटियों की इंतजार में पथराई आंखें

दोनों बेटियों की इंतजार में मां-पिता की आंखें पथरा गई। डीएम, एसपी से लेकर सीएम के जनता दरबार में कई बार गुहार लगाई। जनता दरबार में दिए गए आवेदनों की फेहरिस्त लंबी होती गई। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

कार्रवाई के नाम पर दो युवकों कौशल कुमार व पवन कुमार को जेल भेजा गया, पर नाबालिगों का अता-पता नहीं चला। डीआइजी मगध ने कांड के अनुसंधान में शिथिलता के आरोप में थानेदार संजय कुमार को निलंबित कर दिया था। अब महिला का कहना है कि अब तो भगवान पर ही भरोसा है। 

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इस मामले में अनुसंधानकर्ता की मानें तो कोई ऐसा संदिग्ध ठिकाना नहीं बचा जहां को खंगाला नहीं गया। हर संदिग्ध से कड़ी पूछताछ की गई। लेकिन लड़कियों का सुराग नहीं मिला। बदनाम गलियां पश्चिम बंगाल का सोनागाछी, मुजफ्फरपुर का चर्तुभुज स्थान सहित अन्य ठिकानों को चप्पा-चप्पा छान मारा गया है। सवाल तो अब भी है दोनों बहनों को जीमन खा गया या आसमा निगल गई। 

नहीं थम रहा बेटियों की गुमशुदगी का सिलसिला

वारिसलीगंज थाना क्षेत्र में बेटियों की गुमशुदगी का सिलसिला नहीं थम रहा है। पिछले साल गायब हुई माफी की ङ्क्षपकी देवी अबतक बरामद नहीं की जा सकी है। दो दिन पहले पबीपुर के तुलसी मांझी की पुत्री (8) भी अचानक लापता हो गई। बेटियों की गुमशुदगी की घटनाओं ने समाज को हैरत में डाल रखा है। 

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