बीते चुनावों के वोट प्रतिशत की कसौटी पर मतदाता जागरूकता अभियान

नालंदा। आजादी से लेकर अब तक देश की जहां जनसंख्या बढ़ी वहीं साक्षरों का प्रतिशत भी बढ़ा। लेकिन हैरत की बात यह है कि सूबे में मतदान प्रतिशत उम्मीद से काफी कम रहा। जिसके कारणों को टटोलने की दरकार है। हर चुनाव के महीनों पहले मतदाताओं को जगाने के लिए अभियान चलाए जाते हैं। बैनर पोस्टर व रैलियों के आयोजन पर खर्च किए जाते हैं। लेकिन आंकड़े में आशातीत वृद्धि अब तक नहीं दिखी है। चाहे वह लोकसभा का चुनाव हो या विधानसभा का आंकड़े 50 से 55 प्रतिशत के बीच ही सिमट कर रह जाते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Sep 2020 06:59 PM (IST) Updated:Wed, 16 Sep 2020 05:12 AM (IST)
बीते चुनावों के वोट प्रतिशत की कसौटी पर मतदाता जागरूकता अभियान
बीते चुनावों के वोट प्रतिशत की कसौटी पर मतदाता जागरूकता अभियान

नालंदा। आजादी से लेकर अब तक देश की जहां जनसंख्या बढ़ी वहीं साक्षरों का प्रतिशत भी बढ़ा। लेकिन हैरत की बात यह है कि सूबे में मतदान प्रतिशत उम्मीद से काफी कम रहा। जिसके कारणों को टटोलने की दरकार है। हर चुनाव के महीनों पहले मतदाताओं को जगाने के लिए अभियान चलाए जाते हैं। बैनर, पोस्टर व रैलियों के आयोजन पर खर्च किए जाते हैं। लेकिन आंकड़े में आशातीत वृद्धि अब तक नहीं दिखी है। चाहे वह लोकसभा का चुनाव हो या विधानसभा का, आंकड़े 50 से 55 प्रतिशत के बीच ही सिमट कर रह जाते हैं।

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स्वीप के कंधों पर मतदाताओं को जगाने की जिम्मेवारी

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देश में सुव्यवस्थित मतदान के लिए 2009 में स्वीप का गठन किया गया। जिसके कंधे पर मतदाताओें को जगाने की जिम्मेवारी है। तब से लेकर अब तक यह लोगों को मतदान करने के लिए प्रेरित कर रही है। लेकिन मतदान के आंकड़ों में अब तक वह इजाफा नजर नहीं आया, जिसकी उम्मीद लगाई जा रही है। हालांकि भारत छोड़कर दुनिया के किसी देश में मतदाताओं को जागरूक करने का इतना जतन नहीं किया जाता है। इस विस चुनाव को लेकर भी स्वीप ने जिले में दो आइकॉन की नियुक्ति की हैं। जो मतदाताओं तक अपनी पहुंच बनाकर उन्हें मतदान के लिए प्रेरित कर रहे हैं। रंगोली प्रतियोगिता हो या फिर मेंहदी प्रतियोगिता। हरेक का लक्ष्य मतदाताओं को जागरूक करना है। गांवों में नुक्कड़ सभाओं के माध्यम से भी मतदाताओं को लोकतंत्र में वोट देने का महत्व बताया जा रहा है। मालूम हो मतदाता के रूप में निम्न वर्ग तथा मध्यम वर्गीय लोगों की एक बड़ी संख्या है। स्वीप को भी मालूम है कि इन्हें ही जागरूक कर मतदान का प्रतिशत बढ़ाया जा सकता है। हालांकि यह कार्य इतना आसान भी नहीं है।

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इन लोगों को मिली है मतदाताओं को जागरुक करने की जिम्मेवारी

- आशुतोष मानव : जिला स्वीप आइकॉन

- डॉ. सुदर्शन : जिला स्वीप आइकॉन, दिव्यांग

- कॉलेजों में नियुक्त किए गए स्वीप एम्बेस्डर

- स्कूलों में प्रभारियों को जिम्मेवारी

- बूथ लेवेल अवेयरनेस कमेटी

इस बार मतदान में इजाफा के लिए स्वीप नए-नए प्रयोग कर रही है। युवाओं को मतदान के प्रति जागरूक करने के लिए कॉलेजों में एम्बेस्डर की नियुक्ति की गई है। जो युवाओं को मतदान के लिए प्रेरित करने का काम करेंगे। हालांकि कोरोना काल में कॉलेज बंद है। ऐसे में उनकी जिम्मेवारी कॉलेज के बाहर भी बनती है। वे कॉलेज में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं से संवाद कर उन्हें मतदान के लिए प्रेरित करेंगे।

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चुनाववार आंकड़े :

- लोक सभा चुनाव 2014 का मतदान प्रतिशत : 47.29

- विधानसभा चुनाव 2015 का मतदान प्रतिशत : 53.35

- लोक सभा चुनाव 2019 का मतदान प्रतिशत : 48.79

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