बांका की तर्ज पर माध्यमिक स्कूलों में शुरू होगी उन्नयन बिहार योजना Darbhanga News

स्मार्ट क्लास के लिए प्रत्येक स्कूल को मिलेंगे 90 हजार रुपये। एमएल एकेडमी में 1 जुलाई से शुरू हो जाएगी योजना।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Thu, 20 Jun 2019 12:19 PM (IST) Updated:Thu, 20 Jun 2019 02:17 PM (IST)
बांका की तर्ज पर माध्यमिक स्कूलों में शुरू होगी उन्नयन बिहार योजना Darbhanga News
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दरभंगा, जेएनएन। जिले के माध्यमिक विद्यालयों में बच्चे अब निजी स्कूलों की तर्ज पर स्मार्ट क्लासेज के माध्यम से अपनी पढ़ाई कर सकेंगे। इसके लिए स्कूलों में बड़ा मॉनिटर, स्क्रीन एवं अन्य उपकरण के लिए 90 हजार रुपये प्रत्येक स्कूलों को दिए जाएंगे। बांका जिले में जो उन्नयन योजना माध्यमिक स्कूलों में शुरू की गई है, उसी की तर्ज पर यह अभियान अब पूरे बिहार में चलेगा। आदर्श रूप में 1 जुलाई से एमएल एकेडमी में स्मार्ट क्लास का संचालन आरंभ कर दिया जाएगा।

 मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन, शिक्षा परियोजना के निदेशक संजय कुमार सिंह एवं माध्यमिक शिक्षा निदेशक गिरवर दयाल ङ्क्षसह के निर्देश के आलोक में समग्र शिक्षा अभियान के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी संजय कुमार देव कन्हैया ने उक्त निर्देश जारी किया। कहा कि स्मार्ट क्लासेज के लिए 25 जुलाई से बांका में विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए जिले के दो माध्यमिक शिक्षक, कार्यालय के दो कर्मी एवं दो कंप्यूटर शिक्षक को प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा। इसके अलावा सरकार की योजना है कि प्रत्येक पंचायत में माध्यमिक विद्यालय संचालित किया जाएं।

 आज इसके तहत बहुत सारे स्कूलों को उत्क्रमित कर उन्हें माध्यमिक विद्यालय का दर्जा दिया गया है। लेकिनख, अभी भी अधिकांश पंचायतें माध्यमिक विद्यालय विहीन हैं। ऐसी पंचायतों का सर्वेक्षण करने का निर्देश वीडियो कॉन्फ्रेंङ्क्षसग में पदाधिकारियों ने दिया है। निर्देश के बाद शिक्षा परियोजना के अभियंता, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी एवं संकुल समन्वयक को निर्देश दिया गया है कि माध्यमिक विद्यालय विहीन पंचायतों का सर्वेक्षण छुट्टी के बावजूद आरंभ कर दें। जिससें कि इस सर्वेक्षण सूची के आलोक में माध्यमिक शिक्षा निदेशक 24 जुलाई को उत्क्रमण की कार्रवाई कर सकें।

 डीपीओ ने कहा है कि स्कूलों में छुट्टी है, लेकिन हमें यह भी देखना है की मुख्यमंत्री का सपना है कि 30 जून तक हर हाल में बच्चों को पाठ्य पुस्तक उपलब्ध हो जाए। अगर स्कूल बंद रहने के कारण किसी कारणवश लाभार्थी के खाते में राशि का स्थानांतरण नहीं भी हुआ तब भी उसे किताब मिल जाए, जिससे कि स्कूल खुलने के बाद बच्चे पाठ्य पुस्तक के अनुसार पठन-पाठन कर सकें। 

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