मिसाल बनी बहनों के लिए आप भी कह उठेंगे वाह! छात्रवृत्ति की राशि से बनवाया शौचालय

स्वच्छता के प्रति उच्च सोच। इरादा भी मजबूत। तभी तो रकम की व्यवस्था नहीं होने पर शौचालय निर्माण के लिए दो बहनों इबराना व फरजाना ने अपनी छात्रवृत्ति की राशि लगा दी। पढ़ें पूरी खबर।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Fri, 11 Jan 2019 10:02 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jan 2019 08:15 PM (IST)
मिसाल बनी बहनों के लिए आप भी कह उठेंगे वाह! छात्रवृत्ति की राशि से बनवाया शौचालय
मिसाल बनी बहनों के लिए आप भी कह उठेंगे वाह! छात्रवृत्ति की राशि से बनवाया शौचालय

मधुबनी [कपिलेश्वर साह]। शौचालय निर्माण के लिए इबराना व फरजाना ने अपनी छात्रवृत्ति की राशि लगा कर मिसाल पेश की है। दोनों बहनें क्रमश: 10वीं व आठवीं की छात्राएं हैं। मां के पास इतने पैसे नहीं थे कि शौचालय निर्माण का खर्च उठा सके। सरकारी अनुदान भी निर्माण के बाद मिलता। इसलिए दोनों ने अपनी छात्रवृत्ति की राशि से घर में शौचालय बनवा दिया।

बिहार के मधुबनी में रहनेवाली ये बहनें अब स्वच्छता अभियान की मिसाल बन गई हैं। लोग तारीफ करने के साथ खुले में शौच से मुक्त अभियान में लग गए हैं। दोनों बहनों को जिला स्तर पर स्वच्छता अभियान का ब्रांड एंबेसडर बनाने के लिए बिहार के पीएचईडी मंत्री ने पहल करने की बात कही है। विधायक से लेकर लोकल प्रशासनिक पदाधिकारी तक प्रशंसा करते नहीं थक रहे हैं। 

पढ़ाने के साथ अच्छे संस्कार भी

मधुबनी स्थित कलुआही प्रखंड की पिरसौलिया पंचायत निवासी वहीदा खातून असमय पति की मौत के बाद मेहनत-मजदूरी कर परिवार चला रही हैं। दोनों बेटियों 10वीं की छात्रा इबराना और आठवीं की फरजाना को शिक्षित करने के साथ अच्छे संस्कार भी दे रहीं। स्वच्छ भारत अभियान के साथ घर-घर शौचालय का निर्माण शुरू हुआ, तो उनकी बेटियों ने भी इसके लिए पहल की। 

कम पड़ गई अनुदान की राशि

गरीबी के चलते मां के पास इतने पैसे नहीं थे कि निर्माण का खर्च उठा सके। सरकारी अनुदान निर्माण के बाद मिलता। करीब 30 हजार लागत वाला शौचालय बनवाने के लिए दोनों बहनों ने छात्रवृत्ति की रकम खर्च करने का निर्णय लिया। दोनों को चार-चार हजार छात्रवृत्ति मिली थी। निर्माण में इसे खर्च करने के अलावा कर्ज लिया। कुछ दिन पहले शौचालय बन गया। इसके बाद सरकारी स्तर पर अनुदान के रूप में 12 हजार रुपये मिले। 

कहती हैं इबराना-फरजाना 

पढ़ाई के साथ घर चलाने में मदद करने वाली इबराना और फरजाना का कहना है कि शौच के लिए खुले में जाने से ग्लानि होती थी। असुरक्षा की भावना रहती थी। अब शौचालय का उपयोग करने से गर्व महसूस होता है। गंदगी और बीमारियों से भी निजात मिली है। 

कहते हैं गांव वाले

गांव के धरमेश्वर मिश्र, राजकुमार झा और रंजन कुमार कहते हैं कि दोनों बहनों की वजह से शौचालय निर्माण के प्रति जागरूकता बढ़ी है। तकरीबन 2000 शौचालय बन चुके हैं। 

कहते हैं प्रखंड विकास पदाधिकारी

प्रखंड विकास पदाधिकारी किशोर कुमार ने बताया कि पिरसौलिया पंचायत के लगभग हर घर में शौचालय बन गए हैं। इसे ओडीएफ घोषित करने की प्रक्रिया चल रही है। 

कहती हैं विधायक भावना झा

बेनीपट्टी की विधायक भावना झा कहती हैं कि दोनों बहनों ने मिसाल कायम की है। इस परिवार से मिलकर मदद की कोशिश करूंगी।

कहते हैं पीएचईडी मंत्री

लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के मंत्री विनोद नारायण झा कहते हैं कि दोनों बहनों के प्रयास ने साबित कर दिया है कि शौचालय कितना जरूरी है। दोनों को जिला स्तर पर स्वच्छता अभियान का ब्रांड एंबेसडर बनाने के लिए पहल होगी। कानूनी पहलुओं की जानकारी लेने के बाद इस पर निर्णय होगा।

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