UGC कॉलेजों में होने वाले जातिगत भेदभाव को लेकर गंभीर, शिकायतों के निपटारे के लिए विवि में होने जा रही यह व्यवस्था

वेबसाइट पर भी ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने का होगा विकल्प। विवि के विभागों और कॉलेजों में शिक्षकों व कर्मचारियों को किया जाएगा जागरूक।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Mon, 21 Sep 2020 10:59 AM (IST) Updated:Mon, 21 Sep 2020 10:59 AM (IST)
UGC कॉलेजों में होने वाले जातिगत भेदभाव को लेकर गंभीर, शिकायतों के निपटारे के लिए विवि में होने जा रही यह व्यवस्था
UGC कॉलेजों में होने वाले जातिगत भेदभाव को लेकर गंभीर, शिकायतों के निपटारे के लिए विवि में होने जा रही यह व्यवस्था

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बिहार विश्वविद्यालय समेत इससे संबद्ध सभी कॉलेजों में जाति आधारित भेदभाव के निराकरण को लेकर सेल का गठन किया जाएगा। इसको लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से पत्र जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि यूजीसी उच्चतर शिक्षण संस्थानों में जाति आधारित भेदभाव की निगरानी कर रहा है। ऐसे में विश्वविद्यालय स्तर पर एक कमेटी का गठन करना है। जो अनुसूचित जाति, जनजाति के छात्रों के विरूद्ध उनके सामाजिक पृष्ठभूमि के आधार पर होने वाले भेदभाव से संबंधित शिकायत दर्ज कर दोषियों पर कार्रवाई के साथ ही यूजीसी को भी सूचित करेगी। इसके अलावा विश्वविद्यालय और कॉलेजों के वेबसाइट पर एक पेज बनाने का प्रस्ताव दिया गया है जिसपर इस कोटि के विद्यार्थी भेदभाव होने पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकेंगे। विश्वविद्यालय व कॉलेजों को यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी अधिकारी, शिक्षक या संस्थान के सदस्य द्वारा छात्रों के साथ जाति आधारित भेदभाव नहीं करें।

यूजीसी के पोर्टल पर जमा होगी वार्षिक रिपोर्ट

जाति आधारित यदि कोई शिकायत आती है तो विवि और कॉलेज स्तर पर गठित कमेटी की ओर से क्या कार्रवाई की गई। कमेटी के सदस्यों के नाम के साथ सभी उच्चतर शिक्षण संस्थानों को विश्वविद्यालय गतिविधि निगरानी पोर्टल यूएएमपी पर प्रतिवर्ष देनी है। 25 सितंबर तक इस वर्ष अबतक जाति के आधार पर कितनी शिकायतें आईं हैं इसकी रिपोर्ट मांगी गई है।

एक कमेटी का गठन किया जा रहा

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.हनुमान प्रसाद पांडेय ने कहा कि यूजीसी की ओर से जाति आधारित शिकायतों की मॉनीटरिंग की जा रही है। इसी को लेकर एक कमेटी का गठन किया जा रहा है। कॉलेजों में भी इसको लेकर कमेटी का गठन करने के साथ ही वेबसाइट पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने का विकल्प दिया जाएगा। साथ ही शिक्षकों और कर्मचारियों को जागरूक करना है कि इस तरह की घटनाएं नहीं हों, वे इसकी निगरानी करें।  

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