हमेशा सरकार और व्यवस्था को कोसने वाले लोगों के लिए दरभंगा के ये युवा हैं मिसाल, अपने दम पर बनौली को बनाया आदर्श गांव

सिंहवाड़ा के इस गांव की पांच साल में बदल गई है सूरत। सड़कों की सफाई के साथ-साथ पौधारोपण अभियान भी चलाया जाता। सरपंच का कहना है कि गांव की तस्वीर बदल गई है। यह खुले में शौच से मुक्त होने वाला राज्य का तीसरा और जिले का पहला गांव है।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 09:57 AM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 09:58 AM (IST)
हमेशा सरकार और व्यवस्था को कोसने वाले लोगों के लिए दरभंगा के ये युवा हैं मिसाल, अपने दम पर बनौली को बनाया आदर्श गांव
गरीब छात्र-छात्राओं को 10 हजार की मदद आगे की पढ़ाई के लिए दी जाती है।

दरभंगा, [ मुकेश कुमार श्रीवास्तव]। जिले के सिंहवाड़ा प्रखंड का बनौली आदर्श गांव बनने की ओर है। यहां के तीन दर्जन युवा बीते पांच साल से गांव को स्वच्छ रखने और पर्यावरण संरक्षण पर काम कर रहे हैं। गरीब छात्रों की पढ़ाई में मदद करते हैं। तकरीबन 13 हजार की आबादी वाले बनौली की स्थिति पहले अन्य गांवों की तरह थी। ऐसे में गांव के राहुल राय, प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, रामाकांत ठाकुर सहित अन्य युवाओं ने कुछ अलग करने का निर्णय लिया। आदर्श युवा क्लब बनाकर सफाई के साथ पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता अभियान की शुरुआत की। धीरे-धीरे गांव के लोग जुडऩे लगे। ग्रामीणों के सहयोग से पांच सौ पौधे लग चुके हैं। गांव की सफाई में सभी सहयोग करते हैं। सफाई उपकरण की व्यवस्था की गई है। मॉर्निंग वाक के दौरान युवाओं की टोली सिटी बजाती है तो लोग घर से कचरा लेकर निकल जाते हैं। 

गरीब युवाओं को आर्थिक मदद

क्लब के जो सदस्य सरकारी अथवा गैर सरकारी नौकरी में हैं, वे गरीब युवाओं की आर्थिक मदद कर पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करते हैं। क्लब के सहयोग से अभिराज राय सेना में नौकरी कर रहे हैं। उमाशंकर कुमार, शानू कुमार, आलोक कुमार भगत, रंजीत कुमार बैंक में हैं। दीपक, संजय भगत, रौशन भगत, अंचित कुमार मर्चेंट नेवी में हैं। साथ ही 12वीं में अच्छे नंबर लाने वाले गरीब छात्र-छात्राओं को 10 हजार की मदद आगे की पढ़ाई के लिए दी जाती है।

इस तरह जुटाते रकम

क्लब का अपना बैंक खाता है। ग्रामीणों के सहयोग से राशि जमा की जाती है। इसमें लगभग दो लाख रुपये हैं। क्लब के अध्यक्ष राहुल राय कहते हैं कि गांव की वेबसाइट बनाने की तैयारी है। कोशिश है कि गांव को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिले। सरपंच अयोधी भगत का कहना है कि युवाओं के प्रयास से गांव की तस्वीर बदल गई है। यह गांव खुले में शौच से मुक्त होने वाला राज्य का तीसरा और जिले का पहला गांव भी है।  

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