बाढ़ का कहर : गांव त डूब गेल हाकिम, अब त जान के चिंता हई.. Muzaffarpur News
मिठनसराय-माधोपुर व कोल्हुआ के लोगों के लिए एनएच ही सहारा। गांव से घर उजाड़कर नए आशियान की ओर बढ़ रहे पांव।
मुजफ्फरपुर, [अमरेन्द्र तिवारी]। मुजफ्फरपुर-दरभंगा फोर लेन किनारे बसा लस्करीपुर पंचायत का टोला मिठनसराय-माधोपुर व पैगंबरपुर कोल्लुआ पंचायत का वार्ड नंबर एक जिधर नजर जा रही, उधर पानी ही पानी। चौर से गांव होते हुए पानी अब घरों की ओर अपना रुख कर दिया है। गांव के लोग अपनी झोपड़ी को उखाड़ कर नए आशियान की तलाश में निकल रहे है।
कोल्लुआ वार्ड नंबर एक से नये आशियान के तलाश में ठेला पर झोपड़ी लादकर फोर लेन की ओर से बढ़ रहे सुमन राम के चेहरे से मुस्कान गायब। पूछने पर गांव की ओर इशारा करते हुए भावुक हो जाते है और कहते है कि गांव त डूब गेल हाकिम अब त जान के चिंता हई...। बड़ा आस से इहे जेठ महीना में मड़ईया के मरम्मत गईली अब उजार रहल छी...। उसने बताया कि उसके गांव में रात से पानी प्रवेश करने लगा है। अब जबतक पानी रहेगा तब तक फोर लेन पर रहना होगा।
फोर लेन पर आशियान बना रहे केदार सहनी, बेबी कुमारी फोर लेन के डिवाइडर पर अपनी झोपड़ी बना रहे तथा बगल में पशु चारा काटने की मशीन व उसके पास बथान के इंतजाम में जुटे है। केदार ने बताया कि रात नौ बजे पुल से पानी निकला और उसके बाद सामने निकालते-निकालते सुबह हो गयी। केवल घर डूबा लेकिन समान नहीं। इस तरह गांव से गोद में बकरी साइकिल, ठेला व माथे पर समान लेकर गांव से लोग निकल रहे है। सोमनाथपुरी के अधिवक्ता अरुण पांडेय ने बताया कि गांव का सड़क संपर्क भंग है। उनका चाहरदिवारी टूट गया। पूरे गांव में तबाही है। युद्ध स्तर पर बचाव की जरूरत है।
मिठनसराय माधोपुर के वार्ड सदस्य दिनेश राम, प्रमोद पासवान, चंदन कुमार, दिलीप राम, महेंद्र राम, समाजसेवी गोपाल सिंह, जीतेन्द्र उर्फ गांधी, गुड्डू सहनी, सुरेश सहनी, अरूण राम ने बताया कि गांव डूब रहा लेकिन अब तक नाव की व्यवस्था व राहत शिविर तत्काल शुरू की जाए। ग्रामीणों की मदद में जुटे मुखिया इंद्रमोहन झा ने बताया कि बाढ़ से मिठनसराय-माधोपुर व पैगंबरपुर कोल्हु़आ का वार्ड नम्बर में एक तबाह है।
गांव छोड़ लोग एनएच 28 फोर लेन पर शनि मंदिर से लेकर संगमघाट तक शरण ले रहे। सुरक्षा के लिए एक लेन बंद कर दिया गया है। कांटी प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी को सूचना देने के बावजूद नाव व राहत समान नहीं दिया गया है। तत्काल 15 नाव व पांच हजार तिरपाल चाहिए। अगर बारिश हुई तो भगवान ही मालिक।