गन्‍ने के खेत में बाघ ने डाला डेरा, दहाड़ से सहमे हैं लोग; प्रशासन ने कहा- शाम में घरों से न निकलें

बाघ चार दिनों से झरहरवा गांव स्थित गन्ने के खेत में छिपा है। वन विभाग लाउडस्पीकर से लोगों को अलर्ट कर रहा है। परसौनी पंचायत के झरहरवा गांव में रातभर लोगों ने सुनी बाघ की दहाड़।

By Rajesh ThakurEdited By: Publish:Wed, 13 Nov 2019 08:43 PM (IST) Updated:Wed, 13 Nov 2019 08:43 PM (IST)
गन्‍ने के खेत में बाघ ने डाला डेरा, दहाड़ से सहमे हैं लोग; प्रशासन ने कहा- शाम में घरों से न निकलें
गन्‍ने के खेत में बाघ ने डाला डेरा, दहाड़ से सहमे हैं लोग; प्रशासन ने कहा- शाम में घरों से न निकलें

पश्चिमी चंपारण, जेएनएन। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के गोवर्धन वन क्षेत्र से निकला एक रॉयल बंगाल टाइगर बीते चार दिनों से परसौनी पंचायत के झरहरवा गांव के प्राथमिक विद्यालय के पास गन्ने के खेत में छिपा है। इससे लोगों में दहशत है। मंगलवार की रात भी लोगों ने बाघ की दहाड़ सुनी। रतजगा की मजबूरी है। लोग खेतों की ओर नहीं जा रहे हैं। बच्चों को गांव के स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं।

वनकर्मियों के प्रयास के बावजूद बाघ न तो गन्ने के खेत से बाहर निकला और न जंगल की ओर बढ़ा। उसके लोकेशन नहीं बदलने से अनहोनी की आशंका है। इसके मद्देनजर बुधवार को वन विभाग ने लाउडस्पीकर से झरहरवा, सोनवर्षा, गोवर्धन, बनकटवा, सिरिसिया समेत दर्जनभर गांवों में अपील की है कि शाम के बाद लोग घरों से नहीं निकले। बाघ के भय से झरहरवा प्राथमिकी विद्यालय में बुधवार को सिर्फ 60 बच्चे पहुंचे। इन्हें कमरा बंद कर शिक्षकों ने पढ़ाया। शेष 25 बच्चे स्कूल नहीं आए। प्रधान शिक्षक संजय कुमार ने कहा कि शिक्षक भी डरे हैं। 

गौरतलब है कि चार दिन पूर्व बाघ ने सात बकरियों के शिकार के बाद गन्ने के खेत में डेरा डाल दिया है। भोजन समाप्त होने बाद दोबारा गांव का रुख करने की आशंका है। गोवर्धन वन क्षेत्र पदाधिकारी मानवेंद्रनाथ चौधरी ने बताया कि वनकर्मियों ने सुबह में ट्रैकिंग की। लेकिन, बाघ का नया लोकेशन नहीं मिला। एहतियात के तौर पर जंगल के आसपास के गांवों में लाउडस्पीकर से लोगों को अलर्ट कर दिया गया है।

chat bot
आपका साथी