एक गांव ऐसा भी जिसे देखने आते शासन-प्रशासन के लोग, एकजुटता ने गांव को बना दिया मॉडल; जानें

मुजपु्फरपुर के सकरा प्रखंड का भरतीपुर गांव। यहां के लोगों ने खुद के बल पर गांव को बना दिया मॉडल। अब शासन-प्रशासन देखने आता यहां का विकास।

By Murari KumarEdited By: Publish:Mon, 29 Jun 2020 11:54 AM (IST) Updated:Mon, 29 Jun 2020 11:54 AM (IST)
एक गांव ऐसा भी जिसे देखने आते शासन-प्रशासन के लोग, एकजुटता ने गांव को बना दिया मॉडल; जानें
एक गांव ऐसा भी जिसे देखने आते शासन-प्रशासन के लोग, एकजुटता ने गांव को बना दिया मॉडल; जानें

मुजफ्फरपुर, [अमरेंद्र तिवारी]। खुद के बल पर ग्रामीणों ने गांव को मॉडल बना दिया। अब इसे देखने के लिए शासन-प्रशासन के लोग आते हैं। हम बात कर रहे हैं सकरा प्रखंड की भरतीपुर पंचायत की। इसमें छह गांव भरतीपुर, कुतुबपुर, फिरोजपुर, फिरोजपुर असली, मोहम्मदपुर भोपत व पटसामा शामिल हैं। पिछले पंचायत चुनाव के बाद मुखिया इंद्रभूषण सिंह अशोक ने ग्रामसभा कर सबसे विकास के लिए एकजुट होने की बात कही। उनके प्रयास का असर हुआ और अब गांव दूसरों के लिए उदाहरण बन गया है।

 ग्रामीण इंदू देवी कहती हैं कि पहिले हम स बेरा डूबे (शाम होने) के इंतजार करईत रहलीह, अब उ बात न हई...। अपने घर के पास शौचालय दिखाते हुए कहती हैं कि सर अब समस्या दूर हो गया। मुखिया की  मदद से सभी घर शौचालय से जुड़ गए हैं। इनमें टाइल्स भी लगे हैं। पंचायत भवन के पास पंचायत सरकार व एक निजी संगठन आगा खां फाउंडेशन के सहयोग से पांच-पांच हजार लीटर पानी की टंकी लग गई है। मोटर से उसमें पानी भरा जाता है। सुबह-शाम जलापूर्ति की जाती है। जरूरत पडऩे पर दिन में भी पानी की आपूर्ति की जाती है। 

नक्सल प्रभावित था गांव 

उपमुखिया श्यामबाबू पासवान ने बताया कि यह गांव पहले नक्सल प्रभावित माना जाता था। मुखिया की पहल पर सांसद अजय निषाद के सहयोग से ओएनजीसी की मदद से स्ट्रीट लाइट मिलीं और शौचालय में टाइल्स लगे। शुद्ध पेयजल मिल रहा है। वार्ड सदस्य लखींद्र पासवान, रोहित राम ने बताया कि पूरे जिले में नल-जल योजना का शुभारंभ इस गांव से हुआ। यहां स्कूल में बने वर्षा जल संग्रह को देखकर तत्कालीन डीएम आलोक रंजन घोष ने सराहना की और कई जगह पर इस मॉडल की तरह निर्माण हुआ। मुखिया अशोक सिंह कहते हैं कि ग्रामीणों की मदद से अब उनके गांव में सभी योजनाएं शत-प्रतिशत धरातल पर उतर रही हैं।

 

गांव की उपलब्धियां

- इस पंचायत में 1710 घर हैं। इनमें 1500 घरों तक नल का जल पहुंच रहा है।

- सभी घरों मेें शौचालय निर्माण का काम पूरा हो चुका है।

-भूगर्भ जलसंचय के लिए 250 घरों में सोख्ता टैंक बने हैं। 

- बेहतर काम के लिए नानाजी देशमुख गौरव ग्राम पुरस्कार, दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार, 30 मार्च 2018 को तत्कालीन जिलाधिकारी धर्मेंद्र सिंह ने गांव में ग्रामसभा कर स्वच्छता के लिए जिला प्रशासन की ओर से ग्राम पंचायत को स्वच्छता पुरस्कार से सम्मानित किया था। 

चचरी से मुक्ति मिलने की उम्मीद 

सांसद अजय निषाद ने कटरा प्रखंड के पश्चिम यजुआर को गोद लिया था। वहां बिजली नहीं थी। स्वास्थ्य केंद्र नहीं खुल रहे थे और पानी की टंकी रहते हुए आपूर्ति बाधित थी। पटवन के लिए निर्मित सरकारी बोङ्क्षरग बंद थी। लेकिन, अब वहां बिजली पहुंच गई है। ग्रामीण स्नेह कुमार झा पिंकू बताते हैं कि पानी टंकी को चालू कराया गया। नल से घरोंं में जलापूर्ति हो रही है। खेतों में पटवन के लिए स्टेट बोङ्क्षरग चालू की गई। गांव में जाने के लिए चचरी का सहारा है। लेकिन, सांसद की पहल पर केंद्र सरकार की मदद से मझौली चोरौत के बीच एनएच 527 सी बन रहा है। उम्मीद है कि चचरी से भी मुक्ति मिलेगी। 

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