ऑनलाइन आवेदन ने बढ़ाई परेशानी, नामांकन को ले इनके चक्कर लगा रहें छात्र

मैट्रिक परीक्षा उतीर्ण होने के बाद 12 वीं में नामांकन की आस लिए छात्र/ छात्राएं कॉलेज दर कॉलेज भटकने को मजबूर हैं। लेकिन तकनीकी कारणों से उनका नामांकन नहीं हो रहा।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Oct 2018 04:27 PM (IST) Updated:Mon, 01 Oct 2018 05:21 PM (IST)
ऑनलाइन आवेदन ने बढ़ाई परेशानी, नामांकन को ले इनके चक्कर 
लगा रहें छात्र
ऑनलाइन आवेदन ने बढ़ाई परेशानी, नामांकन को ले इनके चक्कर लगा रहें छात्र

मुजफ्फरपुर (जेएनएन)। मैट्रिक परीक्षा उतीर्ण होने के बाद 12 वीं में नामांकन की आस लिए छात्र/ छात्राएं कॉलेज दर कॉलेज भटकने को मजबूर हैं। लेकिन तकनीकी कारणों से उनका नामांकन नहीं हो रहा और न ही छात्रों की कोई सुननेवाला है। दरअसल इंटरमीडिएट में नामांकन को लेकर बिहार बोर्ड ने ऑनलाइन आवेदन का फरमान जारी किया। आवेदन के बाद बोर्ड द्वारा ही तय किया गया कि आवेदित छात्र का नामांकन किस महाविद्यालय या उत्क्रमित उच्चतर विद्यालय में लिया जायेगा। इस दिशा निर्देश के तहत नामांकन की प्रक्रिया शुरू की गई।

अधर में बच्चों का भविष्य, नहीं हो सका नामांकन

अब हालत यह है कि सैकड़ों ऐसे छात्र हैं जिनका नाम सूची में जारी ही नहीं किया जा सका। वैसे छात्र/ छात्राओं का भविष्य अधर में लटकता देख बिहार बोर्ड ने पुन: एलान किया कि जिन छात्रों का नामांकन नहीं हो सका है वे उन स्कूलों एवं कॉलेजों में नामांकन ले सकते हैं जहां सीट खाली है। फिर वही भाग दौड़ शुरू हो गई। लेकिन इस भागमभाग के बाद भी अंतिम तिथि रविवार तक सैकड़ों छात्र ऐसे हैं जिनका नामांकन नहीं हो सका है।

ऑनलाइन के फैसले की भेंट चढ़ रहे बच्चों के भविष्य

शहर के कई कॉलेजों व अन्य स्कूलों में बच्चे अपने अभिभावकों के साथ खाक छानते दिखे। अभिभावकों का आरोप है कि बोर्ड की नीति छात्रों का भविष्य संवारने के बजाए बिगाड़ने की लगती है। बोर्ड के नामांकन में दखल एवं ऑनलाइन के फैसले की भेंट चढ़ रहे बच्चों के भविष्य का क्या होगा? हालत यह है कि सुदूर देहात क्षेत्र के बच्चों के कॉलेज में पढ़ने की मंशा पर पानी फिर गया है। वहीं अभिभावक की ¨चता अलग है।

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