Bihar News: प्रवर्तन अधिकारी बन समस्तीपुर की बेटी डाॅ. रश्मि राज ने जिले का नाम रोशन किया

रश्मि राज स्कूली दिनों से ही मेधावी छात्रा रही हैं। वे शहर के बालिका उच्च विद्यालय से प्रथम श्रेणी में मैट्रिक महिला कालेज से प्रथम श्रेणी में इंटरमीडिएट ग्रेजुएशन एवं पोस्ट ग्रेजुएशन डेंटल कालेज लखनऊ उत्तर प्रदेश से की हैं।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Mon, 07 Jun 2021 03:27 PM (IST) Updated:Mon, 07 Jun 2021 03:27 PM (IST)
Bihar News: प्रवर्तन अधिकारी बन समस्तीपुर की बेटी डाॅ. रश्मि राज ने जिले का नाम रोशन किया
समस्‍तीपुर की डाॅ. रश्मि राज बनी प्रवर्तन अधिकारी। (फाइल फोटो)

समस्तीपुर, जासं। प्रथम प्रयास में ही बीपीएससी की 64वीं परीक्षा में 699वीं रैंक लाकर श्रम प्रवर्तन अधिकारी बन शहर के विवेक-विहार मुहल्ला निवासी अधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद एवं रिटायर्ड प्रधानाध्यापिका संगीता कुमारी की पुत्री डा. रश्मि राज ने जिले का नाम रौशन किया है। रश्मि राज स्कूली दिनों से ही मेधावी छात्रा रही हैं। वे शहर के बालिका उच्च विद्यालय से प्रथम श्रेणी में मैट्रिक, महिला कालेज से प्रथम श्रेणी में इंटरमीडिएट, ग्रेजुएशन एवं पोस्ट ग्रेजुएशन डेंटल कालेज लखनऊ उत्तर प्रदेश से की हैं।

प्रथम प्रयास में ही बीपीएससी की फाइनल परीक्षा पास कर प्रवर्तन अधिकारी बनकर ये जिला का नाम रौशन की हैं। इसकी जानकारी मिलते ही उनके परिजन समेत मुहल्लावासी प्रफुल्लित हैं। विवेक-विहार मुहल्ला स्थित इनके घर पर आकर बधाई देने वालों में मुख्य आइसा के जिला सचिव सुनील कुमार, ऐपवा के जिला अध्यक्ष बंदना सिंह, राजद के विश्वनाथ राम, भाकपा माले के सुरेंद्र प्रसाद सिंह समेत दर्जनों लोग शामिल हैं।

विदित हो कि अधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद एवं सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापिका संगीता कुमारी की रश्मि राज द्वितीय पुत्री हैं. प्रथम पुत्री स्नेह राज बरौदा बैंक में पदाधिकारी, तृतीय पुत्री निधि राज मधुबनी में अपर अनुमंडल पदाधिकारी एवं छोटे पुत्र रतन राज केनरा बैंक दलसिंहसराय में बैंक पदाधिकारी हैं। पूछे जाने पर रश्मि राज ने बहन एवं माता-पिता को प्रेरणास्रोत बताते हुए सफलता का श्रेय दिया है।

बीपीएससी में 10वां रैंक प्राप्त कर डीएसपी पद पर चयनित हुए दीपक

शहर से सटे विक्रमपुर बांदे निवासी सुरेश राय व कृष्णा देवी के पुत्र दीपक कुमार ने बीपीएससी की परीक्षा में 10वीं रैंक लाकर जिले का नाम रोशन किया है। दूसरे प्रयास में उन्हें यह सफलता मिली है। उनका चयन डीएसपी के पद पर हुआ है। उसके पापा रेलवे से सेवानिवृत कर्मी व मम्मी गृहणी हैं। पहले प्रयास में 67 वां रैंक मिला था। लेकिन उम्र कम रहने की वजह से एक्साइज इंस्पेक्टर के पद पर चयन हुआ था। इसके बाद उन्होंने दुबारे परीक्षा दी। दीपक 2016 से दिल्ली में सिविल सेवा की तैयारी में जुटे थे। सफलता का श्रेय सेल्फ स्टडी, माता-पिता और भाई को देते हैं। दीपक के बड़े भाई रेलवे में गार्ड हैं। वे बताते हैं परीक्षा में सफलता के लिए कोई शॉर्टकट नहीं होता। गुरु का मार्गदर्शन और सेल्फ स्टडी सफलता दिलाती है। उन्होंने बीपीएससी परीक्षा की तैयारी में जुटे परीक्षार्थियों से मेन्स पेपर पर ध्यान देने की आवश्यकता जतायी।

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