सुप्रीम कोर्ट पहुंची सीबीआइ, जांच पूरी करने को मांगे और छह महीने

नवरुणा मामले में सीबीआइ एक बार सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 14 Apr 2018 03:10 AM (IST) Updated:Sat, 14 Apr 2018 03:10 AM (IST)
सुप्रीम कोर्ट पहुंची सीबीआइ, जांच पूरी करने को मांगे और छह महीने
सुप्रीम कोर्ट पहुंची सीबीआइ, जांच पूरी करने को मांगे और छह महीने

मुजफ्फरपुर। नवरुणा मामले में सीबीआइ एक बार सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इस बार की याचिका में भी जांच के लिए छह माह की अवधि बढ़ाने की प्रार्थना की गई है। सुप्रीम कोर्ट में जल्द ही इस याचिका पर सुनवाई होगी। यह पांचवीं बार है, जब सुप्रीम कोर्ट इस तरह की याचिका लेकर पहुंची है। हालांकि, सीबीआइ ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। इससे पहले पिछले साल 13 अक्टूबर को अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने उसे जांच पूरी करने को लेकर मार्च 2018 तक का अंतिम समय दिया था। तब,सुप्रीम कोर्ट का आदेश था कि इस अवधि में हर हाल में जांच पूरी करें। इसके बाद किसी भी स्थिति में इसकी अवधि नहीं बढ़ाई जाएगी। 31 मार्च को यह डेडलाइन पूरी हो गई है। सीबीआइ इस आदेश को पूरा नहीं कर पाई। अब उसकी नई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का क्या रुख होता है, इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।

जांच पूरी करने को लेकर छह माह का और समय चाह रही सीबीआइ : सीबीआइ जांच पूरी करने के लिए छह माह का और समय चाह रही है। मोबाइल टावर लोकेशन जांच के आधार पर पिछले छह माह में उसने सैकड़ों लोगों से पूछताछ की है। वैसे तो सीबीआइ अधिकारी कुछ भी बताने से इन्कार कर रहे हैं, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि इस पूछताछ में उसे कुछ नए तथ्य व संदिग्धों के नाम सामने आए हैं। इनसे पूछताछ व मोबाइल टावर डाटा की विस्तृत जांच के लिए वह छह माह का और समय चाह रही है। नवरुणा के घर के निकट के नाले की सफाई व वहां से बरामद मानव कंकाल की घटना पर भी सीबीआइ की जांच केंद्रित है। इस पर भी जांच अभी पूरी नहीं हो पाई है।

नवरुणा के माता-पिता ने सीबीआइ पर लगाया था धमकी देने का आरोप : नवरुणा की मां मैत्रेयी चक्रवर्ती की ओर से विशेष सीबीआइ कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की थी। इसमें सीबीआइ के एसपी पर धमकी देने का आरोप लगाया गया था। उसने आरोप लगाया था कि जांच के संबंध में पूछताछ करने पर केस को पेंडिंग में रख देने की चेतावनी दी जाती है।

यह है मामला : 18 सितंबर 2012 की रात नगर थाना के जवाहरलाल रोड स्थित आवास से नवरुणा का अपहरण कर लिया गया था। इसके ढाई माह बाद उसके घर के पास के नाले की सफाई के दौरान मानव कंकाल मिला था। डीएनए जांच में यह कंकाल नवरुणा का साबित हुआ। इस मामले की पहले पुलिस, फिर सीआइडी एवं पिछले चार साल से सीबीआइ मामले की जांच कर रही है। सीबीआइ ने एक संदिग्ध आरोपित वार्ड पार्षद राकेश कुमार सिन्हा उर्फ पप्पू को पिछले साल 4 सितंबर को गिरफ्तार किया था। निर्धारित 90 दिनों के अंदर उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं किए जाने के कारण उसे जमानत मिल गई। सुप्रीम कोर्ट में सीबीआइ की नई याचिका का विरोध किया जाएगा। इसकी क्या गारंटी है कि अगले छह माह में सीबीआइ जांच पूरी कर लेगी। सुप्रीम कोर्ट से प्रार्थना की जाएगी कि उनके आदेश की अवहेलना करने को लेकर सीबीआइ को दंडित करें।

अभिषेक रंजन

सुप्रीम कोर्ट में नवरुणा मामले की कानूनी लड़ाई लड़ने वाले।

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