मधुबनी में गन्ना किसानों ने किया अनश्चितकालीन सड़क जाम
ईख की खेती करने वाले किसानों की सुगर मिल मालिकों द्वारा खरीद नहीं करने और मधुबनी जिला प्रशासन द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था नहीं किए जाने के विरोध में किया गया चक्का जाम।
मधुबनी, जेएनएन। जयनगर अनुमंडल के सीमावर्ती क्षेत्र के किसानों द्वारा पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार मंगलवार से चक्का जाम आंदोलन प्रारंभ किया गया। ईख की खेती करने वाले किसानों की ईख नेपाल के सिरहा स्थित सुगर मिल मालिकों द्वारा खरीद नहीं करने और मधुबनी जिला प्रशासन द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था नहीं किए जाने के विरोध में किसानों द्वारा कमला पुल के निकट चक्का जाम कर आवागमन को मंगलवार के सुबह से ही अनिश्चितकालीन अवरूद्ध कर दिया गया है।
गन्ना किसान अपनी सूख रहे गन्ने की फसल को भारत के किसी चीनी मिल में खपाने की व्यवस्था करने अथवा नेपाल सरकार एवं सिरहा स्थित चीनी मिल के मालिक से वार्ता कर उनके गन्ने की फिर से खरीद शुरू कराने की मांग पर अड़े हैं। उमेश यादव की अध्यक्षता एवं मुखिया महासंघ के अध्यक्ष मदन हाजरा के संचालन में जाम स्थल पर सभा का आयोजन किया गया।
धरना स्थल पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए जाप के जिलाध्यक्ष बृजकिशोर यादव ने कहा कि सरकार को किसानों की सुधि नहीं है। गन्ना किसानों के तैयार गन्ने की बिक्री नहीं होने से किसानों का कर्ज लगातार बढता जा रहा है। उनका परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच चुका है।
गन्ना किसानों का हजारों क्विंटल गन्ना सूखकर बर्बाद हो रहा है लेकिन सरकार को गन्ना किसानों की कोई चिन्ता नहीं है। सभा को रामदास हाजरा, पप्पू चैड़वार, अरविन्द तिवारी, प्रखंड प्रमुख सचिन कुमार सिंह, गंगा साह, लक्ष्मी हाजरा, राजेन्द्र यादव, लगनदेव हाजरा, वीरेन्द्र यादव समेत अनेक वक्ताओं ने भी संबोधित किया।
गन्ना किसानों के तीनों ओर की सड़क को जाम कर देने के कारण नेपाल और लौकहा लदनियां की ओर से आने जाने वाले लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। कई लोग अपनी जान जोखिम में डालकर कमला नदी पार कर अपनी गंतव्य की ओर जाते देखे गए।
इधर अनुमंडल पदाधिकारी शंकर शरण ओमी ने बताया कि मामले को लेकर नेपाल के सिरहा जिला के जिला पदाधिकारी से वार्ता की गई, लेकिन सरकार स्तर से निर्णय लिए जाने के कारण सरकार से हरी झंडी मिलने पर ही ईख खरीदे जाने की बात कही । चक्का जाम स्थल पर पुलिस प्रशासन कैम्प कर रहा है।