Shardiya Navratri 2020: इस नवरात्र घर में रहकर करें मां दुर्गा की पूजा-अर्चना, सार्वजनिक पूजा व मेला आयोजन पर रोक

Muzaffarpur Shardiya Navratri 2020 शारदीय नवरात्र 17 अक्टूबर से शुरू हो रहा है।कोविड-19 को लेकर पंडालों में नहीं होगी सार्वजनिक पूजा मेला आयोजन पर भी रोक। पूजन सामग्री का बाजार अभी मंदा। पंडाल निर्माता और मूर्तिकारों का करोबार प्रभावित।

By Murari KumarEdited By: Publish:Tue, 13 Oct 2020 11:40 AM (IST) Updated:Tue, 13 Oct 2020 11:40 AM (IST)
Shardiya Navratri 2020: इस नवरात्र घर में रहकर करें मां दुर्गा की पूजा-अर्चना, सार्वजनिक पूजा व मेला आयोजन पर रोक
शारदीय नवरात्र 17 अक्टूबर से शुरू हो रहा है।

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। शारदीय नवरात्र 17 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। लोगों के घरों में इसको लेकर तैयारियां चल रहीं हैं। वहीं पंडालों में होने वाली सार्वजनिक पूजा को लेकर असमंजस की स्थिति दिख रही है। सरकार व स्थानीय प्रशासन की ओर से इस बार कोविड-19 के कारण नवरात्र में पंडाल में सार्वजनिक पूजा व मेला नहीं लगाने का आदेश दिया है। ऐसे में सार्वजनिक पूजा समितियों की तैयारियां स्थगित कर दी गईं हैं। 

घर में रहकर करें देवी पूजा

पंडित विनय पाठक कहते हैं कि शारदीय नवरात्र में घर में रहकर ही आदिशक्ति मां भगवती की आराधना विधि-विधान व  अनुष्ठानपूर्वक की जा सकती है। कोरोना संक्रमण काल के इस दौर में नवरात्र के दौरान देवी दुर्गा की उपासना कर इस महामारी से निजात की प्रार्थना भक्त सच्चे मन से करें, ताकि मानवता का कल्याण हो। घर में माता की तस्वीर रख, कलश बिठाकर साविधि पूजा करने से शांति, सुख, उत्तम स्वास्थ्य और सम़ृद्धि की प्राप्ति होती है। पंडित पाठक भक्तों को नवरात्र के दौरान फलाहार पर रह पूजा-अर्चना करने की सलाह भी देते हैं।      

पूजा सामग्री की दुकानों की बिक्री पर असर

कोविड-19 के कारण सार्वजनिक पूजा पंडालों में आयोजन की मनाही को लेकर बाजार में दुर्गा पूजा सामग्री की दुकानों की बिक्री पर असर पड़ा है। घर में पूजा करने वाले लोग ही पूजन सामग्री खरीदने को पहुंच रहे हैं। गोला रोड के दुकानदारों ने कहा कि पूजा सामग्री की बिक्री पूर्व के सालों से काफी कम हुई है। हालांकि कीमतों में में कोई खास बढ़ोतरी नहीं हुई है। 

पंडाल निर्माता भी खाली हाथ

नवरात्र में पंडालों व  मेला पर रोक लगने के कारण पंडाल निर्माता हाथ पर हाथ धरे बैठै हैं। कल्याणी परिसर, अघोरिया बाजार व अन्य जगहोंं पर पंडाल बनाने वाले व्यवसायियों के पास कोई आर्डर नहीं आया है। दिनेश टेंट हाउस के संचालक दिनेश कुमार ने बताया कि कल्याणी परिसर में प्रत्येक साल पंडाल लगाने के लिए ऑर्डर मिलता था। करीब एक लाख रुपये की आमदनी होती थी। लेकिन इस बार आर्थिक संकट से जूझना पड़ेगा। 

मूर्तिकारों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट

रोजी-रोटी की खातिर मूर्तिकार मां दुर्गा की प्रतिमा बनानेे में जुटे तो हैं, लेकिन इस बार प्रतिमा बनाने को पूजा समितियों की ओर से ऑर्डर उन्हें नहीं मिल रहा है। वे बिना आर्डर के ही प्रतिमाएं तैयार कर रहे हैंं। गोशाला चौक पर मूर्तिकार रमेश पंडित ने बताया कि करोना काल में कहीं से आर्थिक मदद नहीं मिल रही है। साहू पोखर रोड स्थित मूर्तिकार जय प्रकाश ने बताया कि पिछले साल 90 हजार रुपये की आय हुई थी। इस बार प्रतिमा बनाने का ऑर्डर आया लेकिन प्रशासन की ओर से आदेश नहीं मिलने पर वह आर्डर वापस हो गया। हजारों रुपए के कपड़े, मुकुट, गोटे, थर्मोकोल,  कलर पेंट, पड़े हुए हैं। यह पूंजी फंस गई है। 

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