पश्चिम चंपारण: जानवरों की सुरक्षा के लिए वीटीआर में बढ़ेगा एंटी पोचिंग कैंप

West Champaran वीटीआर के लिए वार्षिक कार्ययोजना बनाने की कवायद शुरूसूबे के मुख्य वन्य प्रतिपालक ने क्षेत्र निदेशक के साथ किया वीटीआर का दौरा। वाल्मीकि व्याघ्र आरक्ष्य में वर्तमान में शाकाहारी जानवरों की स्थिति का अवलोकन करते हुए भविष्य में इसकी संख्या बढ़ाने पर भी बल दिया जाएगा।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Wed, 19 Jan 2022 05:14 PM (IST) Updated:Wed, 19 Jan 2022 05:14 PM (IST)
पश्चिम चंपारण: जानवरों की सुरक्षा के लिए वीटीआर में बढ़ेगा एंटी पोचिंग कैंप
पश्‍च‍िम चंपारण के वीटीआर में लगा वाच टावर। फोटो-जागरण

बेतिया, जासं। वाल्मीकि व्याघ्र आरक्ष्य के लिए वित्तीय वर्ष 2022 -23 के लिए वार्षिक कार्ययोजना बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है। इस बार के वार्षिक कार्ययोजना बनाने में बाघों की सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। साथ ही ईको टूरिज्म के क्षेत्र में संभावनाओं को शामिल किया जा रहा है। हाल में सूबे मुख्य वन्य प्राणि प्रतिपालक जेपी गुप्ता ने क्षेत्र निदेशक के वीटीआर का भ्रमण कर वार्षिक कार्ययोजना बनाने को कहा है।

क्षेत्र निदेशक एचके राय ने बताया कि जहां तक बाघों की सुरक्षा का सवाल है, तो इस क्षेत्र में सुविधा बढ़ाने के कारणों को भी बताया जाना है। यदि किसी क्षेत्र में एंटी पोङ्क्षचग कैंप ही बढ़ाया जाना है, तो यह प्रस्ताव में बताना होगा कि संबंधित क्षेत्र में क्यों इसकी जरूरत है। मुख्य वन्य प्रतिपालक ने वीटीआर क्षेत्र का दो दिनों तक दौरा किया है। इस दौरान उन्होंने एपीओ बनाने के लिए कई बिन्दुओं पर निर्देश दिया है। ताकि एपीओ बनानेे में कोई तकनीकी कमी नहीं रह जाए।

बाघों की सुरक्षा के लिए बनेगा टाइगर कंजर्वेशन प्लान

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) प्रशासन बाघों की सुरक्षा के लिए टाइगर कंजर्वेशन प्लान पर काम कर रहा है। 10 वर्षों के लिए बाघों की सुरक्षा एवं उसके अधिवास प्रबंधन पर काम होगा। इसके अलावा वाल्मीकि व्याघ्र आरक्ष्य में वर्तमान में शाकाहारी जानवरों की स्थिति का अवलोकन करते हुए भविष्य में इसकी संख्या बढ़ाने पर भी बल दिया जाएगा। इसके लिए घास के मैदान के विस्तार पर भी खास ध्यान दिया जाना है। वीटीआर प्रशासन का मानना है कि यहां बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में शाकाहारी जानवरों की संख्या में भी इजाफा कराना आवश्यक है। टाइगर कंजर्वेशन प्लान इसके पूर्व वर्ष 2013-14 में बनाया गया था। फिर दस वर्षो के बाद यानी वर्ष 2023 तक इसे तैयार कर लिया जाना है और अगले दस वर्षो के लिए होगा। यह वीटीआर प्रशास के लिए अति महत्पपूर्ण कार्य है, जिसके लिए किसी विशेषज्ञ टीम को लगाया जाना है। इसके लिए संबंधित एजेंसी का भी चयन कर लिया गया है। वीटीआर के क्षेत्र निदेशक एचके राया ने बताया कि इस कार्य के लिए वाइल्ड लाइफ इंस्टीच्यूट ऑफ इंडिया की सेवा ली जा सकती है।

इस बार ईको टूरिज्म पर ज्यादा रहेगा बल

आज से दस वर्ष पूर्व जो वीटीआर के लिए टाइगर कंजर्वेशन प्लान तैयार किया गया था, उसमें ईको पर्यटन को कम जगह दी गई थी। लेकिन इस बार की योजना में ईको पर्यटन मुख्य हिस्सा होगा। इस क्षेत्र में हो रहे विकास को देखते हुए इसे ज्यादा व्यापक रूप दिया जाएगा। इसमें पर्यटकों की सुविधाओ को बढ़ाने पर मुख्य रूप से ध्यान दिया जाएगा।

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