Sitamarhi: रीगा चीनी मिल से निकला धुआं, डिस्टलरी चालू होने के साथ बनने लगा एथेनॉल
Sitamarhi News रीगा चीनी मिल प्रबंधन ने अपनी घोषणा के अनुरूप डिस्टलरी यूनिट को चालू कर देने की बात कही है। इससे पहले 14 मई को बॉयलर की पूजा संपन्न करने के साथ प्रबंधन ने कहा था कि अगले सप्ताह से यह यूनिट चालू हो जाएगा।
सीतामढ़ी,जागरण संवाददाता। रीगा चीनी मिल प्रबंधन ने अपनी घोषणा के अनुरूप डिस्टलरी यूनिट को चालू कर देने की बात कही है। इससे पहले 14 मई को बॉयलर की पूजा संपन्न करने के साथ प्रबंधन ने कहा था कि अगले सप्ताह से यह यूनिट चालू हो जाएगा। बॉयलर से धुआं निकलना शुरू हो गया है। डिस्टलरी यूनिट चालू होने के साथ इथेनॉल का उत्पादन शुरू हो गया है। रीगा चीनी मिल से जुड़े किसानों की फिर से उम्मीद जग गई है। चीनी मिल के मुख्य महानिदेशक ओमप्रकाश धानुका ने भी किसानों को भरोसा दिलाया था कि डिस्टलरी चालू होने के साथ ही आने वाले सीजन में चीनी मिल भी चलेगी। कारखाना प्रबंधक सह मानव संसाधन एवं प्रशासनिक विभाग प्रमुख बीएन चौधरी ने बताया कि 2 दिन पूर्व से डिस्टलरी यूनिट चालू हो चुका है। इथेनॉल का उत्पादन शुरू है। कारखाना सुचारू रूप से चल रही है।
श्री चौधरी ने बताया है कि कारखाना को चालू होने की संभावना खत्म हो गई थी गत सीजन में कारखाना नहीं चलने के कारण भारी नुकसान हुआ, निर्जीव को नया जीवन मिला है इसके लिए सीतामढ़ी जिला प्रशासन, क्षेत्र के किसान एवं श्रमिकों का अपार सहयोग मिला है, जिसके बाद पुनः एक नई उम्मीद के साथ डिस्टलरी यूनिट का संचालन शुरू हो चुका है आने वाले सीजन में चीनी मिल भी चलेगी। महाप्रबंधक गन्ना यशपाल सिंह ने बताया कि क्षेत्र में उत्तम प्रभेद का गन्ना किसानों ने इस बार लगाया है। डिस्टलरी यूनिट चालू हो जाने के बाद किसानों में सुखद संदेश गया है। किसानों को नई उम्मीद जग गई है, चीनी मिल चलेगी एवं फिर से किसान लाभान्वित होंगे। बीते सीजन किसानों को रीगा चीनी मिल नहीं चलने के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
गौरतलब है कि मिल प्रबंधन ने पहले ही शर्त रखी थी कि डिस्टलरी चालू होने के बाद ही मिल को चालू कराने की बात होगी। तर्क दिया कि डिस्टलरी इकाई का संचालन होने से एथनॉल बन जाने पर लगभग सात करोड़ रुपए चीनी मिल को प्राप्त हो जाएगा। उस पैसे से मजदूरों का बकाया भुगतान होगा। साथ ही अगले सीजन में गन्ना की खेती के लिए किसानों को अनुदान दिया जा सकेगा। नवंबर 2020 से लेकर आठ मई 2021 तक प्रबंधन ने खुद एवं विभिन्न सरकारी तंत्र के द्वारा श्रमिकों से बार-बार आग्रह किया गया। मगर, वे काम पर नहीं लौटे। इसलिए बाध्य होकर बाहर से कामगारों को बुलाकर बॉयलर चलाना पड़ रहा है ताकि, डिस्टलरी का संचालन हो सके। मोलासेस एवं लगभग एक करोड़ का बगास कंपनी का बर्बाद हो रहा था। वही एक्साइज डिपार्टमेंट का बार-बार कंपनी को चालू करने को लेकर प्रेशर आ रहा था।