'क्रिकेट सम्राट' के यूं चले जाने से मायूस हैं पाठक, खेल की सही सूचना व सटीक विश्लेषण के दीवाने थे कई

Cricket Samrat ने 42 वर्षों के अपने सफर में करोड़ों पाठकों को जोड़कर न सिर्फ कीर्तिमान बनाया बल्कि क्रिकेट की छोटी-बड़ी सभी खबरों को विस्तार से पाठकों के समक्ष परोसा।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sun, 12 Jul 2020 02:12 PM (IST) Updated:Sun, 12 Jul 2020 02:12 PM (IST)
'क्रिकेट सम्राट' के यूं चले जाने से मायूस हैं पाठक, खेल की सही सूचना व सटीक विश्लेषण के दीवाने थे कई
'क्रिकेट सम्राट' के यूं चले जाने से मायूस हैं पाठक, खेल की सही सूचना व सटीक विश्लेषण के दीवाने थे कई

समस्तीपुर, जेएनएन। एक-एक गेंद तथा एक-एक रन की जीवंत कहानी बताने वाली पत्रिका क्रिकेट सम्राट का प्रकाशन बंद हो गया है। इससे क्रिकेट प्रेमियों को काफी अधिक सदमा लगा है। इससे क्षेत्र के खेल प्रेमियों में भी काफी अधिक मायूसी देखी जा रही है। इस पत्रिका ने 42 वर्षों के अपने सफर में करोड़ों पाठकों को जोड़कर न सिर्फ कीर्तिमान बनाया बल्कि क्रिकेट की छोटी-बड़ी सभी खबरों को विस्तार से पाठकों के समक्ष परोसा। इस संबंध में विभिन्न खेल प्रेमियों ने अलग-अलग अंदाज में पत्रिका के प्रति अपनी भावनाएं व्यक्त कीं।

क्रिकेट सम्राट के नियमित पाठक

क्षेत्र के जाने माने खिलाड़ी प्रभास चंद्र तिवारी बताते हैं कि क्रिकेट सम्राट के वे नियमित पाठक रहे हैं। यह पत्रिका न सिर्फ ज्ञान का खजाना था बल्कि युवाओं में खेल प्रेम का संचार भी करता था। इसका प्रकाशन बंद होना उन्हें झकझोर कर रख दिया है।

क्रिकेट से संबंधित सामान्य ज्ञान की जानकारी मिलती थी

पटोरी बाजार के ही पुराने क्रिकेट प्रेमी अजीत दास उर्फ कनु जी बताते हैं कि वे क्रिकेट सम्राट के न सिर्फ नियमित पाठक रहे हैं बल्कि अब उनके पुत्र भी इसके मुख्य पाठक बन चुके हैं। बताते हैं कि अधिकांश युवाओं के जीवन का एक अंग बन चुकी थी यह पत्रिका। हसनपुर सूरत निवासी पूर्व खिलाड़ी महेश दास बताते हैं कि क्रिकेट सम्राट न सिर्फ रोचक जानकारी ही पाठकों को उपलब्ध कराता था बल्कि यह क्रिकेट से संबंधित सामान्य ज्ञान की महत्वपूर्ण जानकारी भी युवा पाठकों को देता था।

पत्रिका युवाओं की धड़कन

वर्तमान क्रिकेट व फुटबाल खिलाड़ी मुकेश कुमार पोद्दार बताते हैं कि इसके प्रकाशन बंद होने की सूचना से वे हतप्रभ हैं। यह पत्रिका युवाओं की धड़कन थी। पूर्व खिलाड़ी मोहन ठाकुर का मानना है कि इस पत्रिका का प्रकाशन बंद हो जाना युवाओं के लिए सबसे बड़ा सदमा है। युवा खिलाड़ी उज्जवल तिवारी और अनुपम कुमार ने भी इस पत्रिका के प्रकाशन के बंद हो जाने पर दुख व्यक्त किया है। पटोरी बाजार निवासी तथा अपने जमाने के ऑल राउंडर क्रिकेट खिलाड़ी रूपेश कुमार ने भी दुख व्यक्त करते हुए कहा है कि इसका प्रकाशन बंद हो जाना ना सिर्फ पीड़ादायक है बल्कि इस स्थान की पूर्ति अब असंभव है।  

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