LNMU में हुई अनियमितता की जांच के लिए राजभवन गंभीर, तीसरी बार दरभंगा पहुंची टीम ने खंगाले सुबूत

LNMU शिकायतकर्ता आरटीआइ कार्यकर्ता रोहित कुमार ने 55 बिंदुओं पर राजभवन टीम के समक्ष रखी अपनी बात सौंपे जरूरी साक्ष्य। विश्वविद्यालय दूरस्थ शिक्षा डब्लूआइटी सहित अन्य विभागों के पदाधिकारियों से हुई पूछताछ। दिनभर विश्वविद्यालय परिसर में मची रही अफरा-तफरी।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sat, 10 Oct 2020 10:37 PM (IST) Updated:Sat, 10 Oct 2020 10:37 PM (IST)
LNMU में हुई अनियमितता की जांच के लिए राजभवन गंभीर, तीसरी बार दरभंगा पहुंची टीम ने खंगाले सुबूत
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दरभंगा, जेएनएन। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह के कार्यकाल में लगे भ्रष्टाचार, अनियमितता, फर्जी नियुक्ति सहित कई गंभीर आरोपों की जांच के लिए गठित राजभवन की टीम ठीक एक माह बाद शुक्रवार को तीसरी बार विश्वविद्यालय पहुंची। पूर्व कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह के तीन साल के कार्यकाल में विश्वविद्यालय के स्तर पर लिए गए फैसले और किए गए कार्यों में अनियमितता, भ्रष्टाचार व फर्जी नियुक्तियों को लेकर आरटीआइ एक्टिविस्ट रोहित कुमार ने 55 बिंदुओं पर पांच सौ से अधिक पन्ने का साक्ष्यप्रस्तुत किया। टीम के पहुंचने से पूर्व विवि अधिकारियों और कर्मियों के बीच खलबली मची रही। 

राजभवन की टीम ने विवि स्थित यूरोपियन गेस्ट हाउस में आरटीआइ एक्टिविस्ट रोहित कुमार से बंद कमरे में दोपहर एक बजे से देर शाम तक भ्रष्टाचार संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर दस्तावेजों की जांच की। इस दौरान विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. मुश्ताक अहमद, प्रॉक्टर प्रो. अजीत कुमार चौधरी, दूरस्थ शिक्षा निदेशक डॉ. अशोक कुमार मेहता, डब्लूआइटी के निदेशक प्रो. एम नेहाल, उप-रजिस्टार अखिलेश कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक डॉ. एसएन राय, विवि इंजीनियर सोहन चौधरी सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे। देर शाम तक राजभवन जांच टीम का नेतृत्व राजभवन के संयुक्त सचिव राज कुमार सिन्हा कर रह थे। तीन सदस्यीय जांच कमेटी में सदस्य के रूप में राजभवन के विशेष कार्य पदाधिकारी संजय कुमार व महावीर प्रसाद शर्मा शामिल हैं। अधिकारियों पर लगे आरोप संबंधित कागजातों को राजभवन की टीम ने बारीकी से अवलोकन किया। टीम ने संबंधित पदाधिकारियों व कर्मियों से अनियमितता, भ्रष्टाचार और अवैध नियुक्ति के मामले में अपना पक्ष भी रखा। राजभवन की टीम ने शिकायतकर्ता द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तावेज अपने पास सुरक्षित कर लिया है। ताकि जांच की प्रक्रिया आगे बढ़े। पहली बार तीन जुलाई को पहुंची थी राजभवन की जांच टीम

विश्वविद्यालय के सिडिकेट सदस्यों ने पूर्व कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह विवि के अन्य अधिकारियों के खिलाफ राजभवन में शिकायत की थी। शिकायतकर्ता में नगर विधायक संजय सरावगी, डॉ. हरि नारायण सिंह, डॉ. बैद्यनाथ चौधरी बैजू, मीना झा, डॉ. धनेश्वर प्रसाद सिंह व सुजीत पासवान शामिल हैं। इन सिडिकेट सदस्यों ने 28 फरवरी को राजभवन जाकर कुलाधिपति सह राज्यपाल को संयुक्त रूप से कुलपति की कार्यशैली के खिलाफ स्मार पत्र सौंपा था। उसी दिन कुलाधिपति ने सिडिकेट सदस्यों को जांच का भरोसा दिया था। इसके बाद अपर सचिव राम अनुग्रह नारायण सिंह की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय कमेटी को जांच का जिम्मा सौंपा गया था। 3 जुलाई को राजभवन टीम ने शिकायतकर्ताओं के विभिन्न बिंदुओं पर की गई शिकायतों को सुना था। इसके साथ ही पूर्व कुलपति प्रो. एसके ङ्क्षसह की ओर से 11 सौ पन्ने का जवाब सौंपा गया था।

दूसरी बार नौ सितंबर को पहुंची थी जांच टीम

पूर्व कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह पर लगे आरोपों की जांच को ले नौ सितंबर को दोबारा राजभवन की टीम विश्वविद्यालय पहुंची थी। जांच टीम के सामने बारी-बारी से विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने अपना पक्ष रखा था। जांच टीम की ओर से मांगी गई कई कागजात प्रस्तुत किए गए थे। डीडीइ अधिकारियों पर लगे आरोप संबंधित कागजातों को राजभवन की टीम ने बारीकी से अवलोकन किया था।

आरटीआइ एक्टिविस्ट द्वारा लगाए गए कुछ गंभीर आरोप

- ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 अंतर्गत सभी अंगीभूत कॉलेजों में 10 करोड़ से अधिक राशि की बंदरबांट।

- विश्वविद्यालय में वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 व 2019-20 में पांच करोड़ रुपये अनियमितता सहित अन्य आरोप।

- विश्वविद्यालय के अभियंत्रण, कार्यपालक अभियंता शाखा में वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 में निविदा के नाम पर छह करोड़ रुपये की अनियमितता।

- रूसा अनुदान में करोड़ों रुपये के गबन का आरोप, दूरस्थ शिक्षा निदेशालय में वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 में अध्ययन छपाई सामग्री छपाई में सात करोड़, उत्तर पुस्तिका क्रय एवं छपाई में एक करोड़, बैग क्रय में एक करोड़, मरम्मत कार्य में दो करोड़, परीक्षा संचालन मद में लगभग पांच करोड़ रुपये की अनियमितता का आरोप लगया गया है

- एपीजे अब्दुल कलाम महिला प्रौद्योगिकी संस्थान में भवन कार्य में अनियमितता का आरोप

-विश्वविद्यालय के आठवें और नौवें एवं दसवें दीक्षांत समारोह में भाड़ी अनियमितता का आरोप सहित 54 ङ्क्षबदुओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

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