प्रेमचंद हिंदी-उर्दू कथा साहित्य की बुनियाद और बुलंदी

जिला स्कूल में रविवार को प्रेमचंद जयंती समारोह समिति द्वारा पुरस्कार वितरण सह सास्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Oct 2019 02:10 AM (IST) Updated:Mon, 21 Oct 2019 06:16 AM (IST)
प्रेमचंद हिंदी-उर्दू कथा साहित्य की बुनियाद और बुलंदी
प्रेमचंद हिंदी-उर्दू कथा साहित्य की बुनियाद और बुलंदी

मुजफ्फरपुर। जिला स्कूल में रविवार को प्रेमचंद जयंती समारोह समिति द्वारा पुरस्कार वितरण सह सास्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उद्घाटन करते हुए समिति के अध्यक्ष शशिकात झा ने कहा कि प्रेमचंद प्रेमचंद हिंदी व उर्दू कथा साहित्य की बुनियाद भी हैं और बुलंदी भी। प्रेमचंद के बगैर हिंदी साहित्य के इतिहास को नहीं समझा जा सकता है।

पूर्व कुलपति प्रो. रवींद्र कुमार रवि ने पिछले 20 वषरें से छात्र-छात्राओं के चरित्र निर्माण और उनमें प्रगतिशील मूल्यों को स्थापित करने में प्रयासरत रहने के लिए समिति की भूरि-भूरि प्रशंसा की। प्रो. नंदकिशोर नंदन ने कहा कि अंधविश्वासों, कट्टरता और नारी उत्पीड़न से निजात की दिशा में प्रेमचंद साहित्य को पढ़कर सार्थक पहल की जा सकती है।

समारोह में डॉ. कुमार विरल ने बच्चों को प्रेरित करने वाले गीत प्रस्तुत किए। वहीं अभिभाषण, काव्य पाठ, निबंध, चित्राकन, सामान्य ज्ञान, एकल अभिनय, एकल गायन तथा क्विज में पुरस्कार के लिए चयनित 50 विद्यालयों के 176 प्रतिभागियों के बीच प्रमाण पत्र और विभिन्न रचनाकारों की साहित्यिक पुस्तकों का वितरण किया गया। श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए संयुक्त रूप से प्रभात तारा स्कूल एवं मदर टेरेसा विद्यापीठ को और सर्वाधिक प्रतिभागिता के लिए मदर टेरेसा विद्यापीठ को शील्ड देकर सम्मानित किया गया। छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत और उत्साहित करने वालों में नागेश्वर प्रसाद सिंह, डॉ. विजय कुमार जायसवाल, ब्रह्मानंद ठाकुर, टीपी सिंह, श्रवन कुमार, डॉ. गुंजेश कुमार, पंकज कर्ण आदि प्रमुख थे। संचालन समिति के सचिव अर्जुन कुमार एवं धन्यवाद ज्ञापन कोषाध्यक्ष अरविंद कुमार ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में आशुतोष कुमार, लालबाबू राय, अंकित आनंद, अजय कुमार, शिवचंद्र पासवान, कुमोद कुमार की भूमिका सराहनीय रही।

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