जनता को विकास की दरकार, कई समस्याएं बरकरार

मुजफ्फरपुर। दरभंगा जिला के जिला मुख्यालय से आठ किलोमीटर की दूरी पर पतोर पंचायत का पतोर गांव अवस्थित

By JagranEdited By: Publish:Sat, 09 Jun 2018 03:45 PM (IST) Updated:Sat, 09 Jun 2018 03:45 PM (IST)
जनता को विकास की दरकार, कई समस्याएं बरकरार
जनता को विकास की दरकार, कई समस्याएं बरकरार

मुजफ्फरपुर। दरभंगा जिला के जिला मुख्यालय से आठ किलोमीटर की दूरी पर पतोर पंचायत का पतोर गांव अवस्थित है। 12 हजार की आबादी वाले इस गांव का विकास तो अवश्य हुआ लेकिन अभी भी आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद भी गांव के लोगों को विकास की दरकार है। कई समस्याएं मुंह बाए खड़ी हैं। बदलते परिदृश्य में उक्त गांव के लोग आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हालांकि सरकार ने कई जनकल्याणकारी योजनाएं चलाईं। धरातल पर उतरी भी लेकिन उक्त गांव में सफलीभूत नहीं हो सका। उक्त गांव की समस्याओं को लेकर पतोर गांव में दैनिक जागरण की ओर से आयोजित चौपाल में ग्रामीणों ने खुलकर अपनी बात रखी। ग्रामीणों ने बताया कि पतोर में ग्रामीण जलापूर्ति योजना का कई दशक बीत जाने के बाद भी अभी तक एक बूंद पानी ग्रामीणों को नसीब नहीं हुआ है। वहीं उक्त योजना के तहत संबंधित विभाग द्वारा बिछाए गए पाइप में जगह-जगह रिसाव होने से सड़कों पर जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। वहीं अवर प्रमंडल पदाधिकारी नलकूप अनुमंडल बहेड़ी का उक्त गांव स्थित कार्यालय रहने के बावजूद ¨सचाई के लाभ से किसान वंचित है। किसानों को ऊंची दर पर निजी प¨म्पग सेट से खेत में पटवन कराना मजबूरी बना हुआ है। ओडीएफ के एक वर्ष बीत जाने के बावजूद शौचालय का निर्माण पूर्ण करने वाले लगभग 150 लाभुकों को अभी तक खाते में राशि नहीं भेजी गई है। मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत पीएचईडी के द्वारा कराए जा रहे हर घर नल का जल योजना फ्लॉप साबित हो रही है। ऐतिहासिक सूर्यदेव नारायण स्मारक पुस्तकालय की जीर्ण-शीर्ण स्थिति को देखते हुए जीर्णोद्धार करने, गांव की उत्तर दिशा से लेकर दक्षिण छोड़ तक चौर से पानी की निकासी की व्यवस्था हो जिससे किसानों की खेती में लगे फसल बर्बाद होने से बचाया जा सके। कृषि विभाग द्वारा चलाई जा रही कई योजनाओं का लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है। बीमार पड़ने पर गांव में कोई सुविधा नहीं रहने के कारण इलाज के लिए आठ किलोमीटर तय करके दरभंगा जाना पड़ता है। लगभग 200 जरूरतमंद वृद्ध लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जर्जर पंचायत भवन की मरम्मत करने, श्मशान घाट की घेराबंदी करने, सड़क को अतिक्रमण मुक्त कराए जाने, हल्की बारिश में जगह-जगह सड़क पर जलजमाव की जलनिकासी की व्यवस्था किए जाने, हाईस्कूल बनाए जाने की मांग उठी। उक्त चौपाल में मुखिया अवनीश कुमार, उपमुखिया रघुवंश कुमार मिश्र, कृष्णबल्लभ राय, विजय कुमार मिश्र, अनिल कुमार मिश्र, अमरेंद्र नारायण मिश्र, सुजीत मिश्र, इंदल पासवान, रमण ठाकुर, रामबली मंडल, बम पासवान, परमानन्द पासवान, रामू मंडल, किशोरी पासवान, बौकू साह, कारी ठाकुर, मिश्री पासवान, आजाद पासवान, सागर पासवान, बबलू ठाकुर आदि ने भाग लिया। रामकिशोर पांडेय का कहना है कि उक्त गांव की सभी मुख्य सड़कों को अतिक्रमण से मुक्त कराया जाए। वहीं स्वास्थ्य सुविधाओं को बहाल करने की आवश्यकता है। लोगों को स्वास्थ्य सुविधा नहीं रहने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

अमरेंद्र नारायण मिश्र का कहना था कि उक्त गांव के 85 प्रतिशत लोग खेती पर निर्भर हैं। लेकिन नलकूप कार्यालय रहने के बावजूद किसानों को ऊंची दर पर निजी पं¨पग सेट से खेत पटवन करने को विवश हैं।

रघुवंश कुमार मिश्र का कहना है कि प्रशासन की उदासीनता के कारण उक्त गांव के विभिन्न वार्डों में सात निश्चय योजना का कार्य अधर में

लटका हुआ है।

जगरनाथ राम का कहना था कि वैसे तो पहले से बदलाव हुआ है, लेकिन अभी भी कई समस्या जस की तस है। कमजोर वर्ग के लोगों के उत्थान की ठोस प्रयास की जरूरत है। मुखिया अवनीश कुमार ने कहा कि गांव समेत पंचायत के चहुंमुखी विकास के लिए वे सदैव तत्पर हैं। सरकारी स्तर से जिस हिसाब से पैसे आ रहे हैं, उसी हिसाब से पंचायत में कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि अपने स्तर से विभिन्न सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ पंचायत को दिलाने का प्रयास करूंगा।

गांव एक नजर में।

जनसंख्या : 12000

वार्ड : 12

आंगनबाड़ी केंद्र : 6

मध्य विद्यालय : 1

प्राथमिक विद्यालय : 3

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