चार लाख की आबादी वाले पीएचसी में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव Madhubani News

निर्धारित दवा के स्थान पर कम दवा की आपूर्ति। महिला चिकित्सक की कमी से होती परेशानी। समस्या दूर करने की दिशा में स्वास्थ्य विभाग गंभीर नहीं।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Tue, 09 Jul 2019 09:32 AM (IST) Updated:Tue, 09 Jul 2019 09:32 AM (IST)
चार लाख की आबादी वाले पीएचसी में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव Madhubani News
चार लाख की आबादी वाले पीएचसी में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव Madhubani News

मधुबनी, जेएनएन। जिले के बेनीपट्टी अनुमंडल मुख्यालय में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बेनीपट्टी में संसाधन का घोर अभाव रहने के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। चार लाख की आबादी पर स्थापित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों के इलाज के लिए कठिनाई का सामना करना पड़ता है। पीएचसी बेनीपट्टी में प्रतिदिन 250 से 300 तक मरीज चिकित्सा के लिए आते हैं। मरीज 25 से 30 किलोमीटर की दूरी तय कर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र इलाज के लिए पहुंच रहे हैं लेकिन पीएचसी में संसाधन की घोर कमी है।

   चौंकाने वाली बात यह भी है कि महिला चिकित्सक नहीं रहने के कारण गर्भवती का इलाज व प्रसव एएनएम व ममता के बल पर चल रहा है साथ ही महिला चिकित्सक की कमी के कारण महिला मरीजों को परेशानी होती है। ओपीडी में 33 में 25 दवा उपलब्ध हैं जबकि इंडोर में 112 में 75 दवा उपलब्ध हैं। पीएचसी में 7 डॉक्टर की स्वीकृत पद हैं जिसमें दो डॉक्टर कार्यरत है। ड्रेसर, कम्पाउंडर एवं महिला चिकित्सक नहीं है। बुनियादी स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 11 पद है। जिसमें 8 पद रिक्त है।

   जांच के नाम पर खखार, टीवी, मलेरिया, एचआईभी, गर्भवती महिलाओं के लिए सुगर, हेमोग्लोबिन की जांच की जाती है। पीएचसी में एक्सरे की सुविधा उपलब्ध है। बीएचडब्लू में 11 पद स्वीकृत हैं जिसमें तीन बीएचडब्लू कर्मी है। फार्मासिस्ट के चार पद रिक्त है। विशेषज्ञ चिकित्सक का घोर अभाव है। इंडोर रोगी के लिए जगह की कमी है। डॉक्टर एवं पारामेडिकल स्टाफ की कमी है। दो एमबीबीएस डॉक्टर के सहारे चार लाख की आबादी वाले पीएचसी में मरीजों का किस प्रकार इलाज हो रहा है इसका अनुमान सहजता से लगाया जा सकता है।

   पीएचसी में कैल्सियम, विटामिन, कॉफसिरफ, गैस की टेबलेट, एंटीरैबीज कुत्ता काटने का इंजेक्शन का बराबर अभाव बना रहता है। मरीज व उनके परिजनों तथा महिला मरीजों के लिए शौचालय की व्यवस्था नहीं हैं जहां लोगों को खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है। पीएचसी के अंदर एक शौचालय है लेकिन परिसर में शौचालय नहीं रहने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मी के लिए आवास की व्यवस्था नहीं है। जर्जर भवन में पीएचसी का कार्यालय है।

   खासकर पीएचसी के पूर्व में बने भवन जर्जर व क्षतिग्रस्त होकर खंडहर में तब्दील हो रहे हैं। बंध्याकरण के दौरान मरीजों की संख्या अधिक हो जाने के कारण बरामदे के फर्श एवं टेंट में रखा जाता है। इस संबंध में पूछे जाने पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शंभू नारायण झा ने बताया कि पीएचसी की समस्या के संबंध में विभाग को रिपोर्ट भेज दी गई है जबकि जो संसाधन सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जाती है उससे बीमार मरीजों का इलाज करते हैं। साथ ही बेहतर से बेहतर इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। शौचालय के निर्माण के लिए बीडीओ को पत्राचार किया गया है।

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