यूजीसी की आधिकारिक साइट पर लनामिवि के कुलपति अब भी प्रो. एसके सिंह व केएसडीएसयू के प्रो. सर्वनारायण झा !
साइट पर ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय व कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के नए कुलसचिव का नाम दर्ज नहीं। एक माह पूर्व दोनों विश्वविद्यालय में स्थाई कुलपति की हो चुकी है नियुक्ति। इससे पूर्व दो-दो प्रभारी कुलपति ने संभाला था कार्यभार।
दरभंगा, [प्रिंस कुमार]। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नई दिल्ली की आधिकारिक साइट पर अब भी ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय व कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति व कुलसचिव के नाम दर्ज है। यूजीसी की साइट पर दोनों विश्वविद्यालयों के नए कुलपति व कुलसचिव के नाम, पता, मोबाइल, ई-मेल सहित अन्य जरूरी जानकारी अबतक अपलोड नहीं की गई है। साइट पर जो जानकारी है उसके मुताबिक अब भी ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह व कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सर्वनारायण झा ही है। जबकि एक माह पूर्व दोनों विश्वविद्यालय में स्थाई कुलपति की नियुक्ति हुई है।
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह व कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में प्रो. शशिनाथ झा कार्यरत हैं। वहीं लनामिवि के पूर्व कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय व कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलसचिव के रूप में पूर्व कुलसचिव कर्नल नवीन कुमार का नाम दर्ज है। जबकि वर्तमान में लनामिवि के पद पर कुलसचिव डॉ. मुश्ताक अहमद व केएसडीएसयू के कुलसचिव के रूप में डॉ. शिवा रंजन चतुर्वेदी कार्यरत हैं।
यूजीसी का यह है निर्देश
देश के सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को कुलपति, रजिस्ट्रार, वित्त अधिकारी का नाम विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड करना अनिवार्य है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को जल्द से जल्द मोबाइल, ईमेल और लैंडलाइन नंबर भेजने का निर्देश दिया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के सचिव प्रो. रजनीश जैन की ओर से कुलपतियों को पत्र लिखा गया है। इसमें यूजीसी सचिव प्रो. जैन ने विश्वविद्यालय प्रबंधन के अलावा अन्य विभागों के प्रमुख के नाम, ई-मेल अपलोड करने का आदेश दिया है। यूजीसी का मानना है कि उच्च शिक्षण संस्थानों से जुड़ी जानकारियां नहीं हैं। इससे उनसे संपर्क करना मुश्किल होता है। इसलिए सभी विश्वविद्यालयों को कुलपति, रजिस्ट्रार, वित्त अधिकारी व नोडल अधिकारी (यूजीसी) काम नाम, ईमेल आईडी व लैंडलाइन नंबर वेबसाइट पर अपलोड करने के साथ यूजीसी को भेजने होंगे।इस बारे में एलएनएमयू के कुलसचिव डॉ. मुश्ताक अहमद ने कहा कि मैंने हाल में ही योगदान दिया है। मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है। जानकारी लेकर इस दिशा में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।