Muzaffarpur Nagar Nigam : टाउन वेंडिंग कमेटी को लेकर मुजफ्फरपुर के महापौर व नगर आयुक्त आमने-सामने

Muzaffarpur Nagar Nigam महापौर का कहना है कि नगर आयुक्त अपनी मनमानी कर रहे हैं। उनकी अनदेखी कर फैसले ले रहे हैं। वेंडिंग जोन बनाने को लेकर उनसे किसी प्रकार की राय नहीं ली गई। नगर आयुक्त ने किसी प्रकार की अनदेखी और विवाद से किया इन्कार।

By Ajit kumarEdited By: Publish:Sun, 17 Jan 2021 08:43 AM (IST) Updated:Sun, 17 Jan 2021 08:43 AM (IST)
Muzaffarpur Nagar Nigam : टाउन वेंडिंग कमेटी को लेकर मुजफ्फरपुर के महापौर व नगर आयुक्त आमने-सामने
स्मार्ट सिटी के विस्तार का प्रस्ताव तैयार किया गया है। फाइल फोटो

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। महापौर एवं नगर आयुक्त के बीच अधिकार को लेकर चल रही लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही है। टाउन वेंडिंग कमेटी की बैठक को लेकर एकबार फिर महापौर सुरेश कुमार एवं नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय आमने-सामने हैं। महापौर का कहना है कि नगर आयुक्त अपनी मनमानी कर रहे हैं। उनकी अनदेखी कर फैसले ले रहे हैं। वेंडिंग जोन बनाने को लेकर उनसे किसी प्रकार की राय नहीं ली गई। बैठक के बार में भी उनको जानकारी नहीं दी गई। स्मार्ट सिटी के एरिया विस्तार को लेकर नगर आयुक्त ने उनसे मशविरा लेना तक जरूरी नहीं समझा। सभी फैसले अपने मन से करते जा रहे हैं। उधर, नगर आयुक्त का कहना है कि बैठक टाउन वेंडिंग कमेटी की थी न कि नगर निगम बोर्ड की। वेंडिंग कमेटी ने जो फैसला लिया है वह महापौर के पास अनुमोदन के लिए जाएगा। वेंडिंग कमेटी में महापौर नहीं हैं इसलिए उनको बैठक की जानकारी नहीं दी गई। महापौर की अवहेलना का सवाल ही पैदा नहीं होता। स्मार्ट सिटी के विस्तार का प्रस्ताव तैयार किया गया है जिसे पटना में होने वाली स्मार्ट सिटी कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक में रखना था। बैठक में महापौर को भी शामिल रहना था। महापौर से किसी प्रकार के विवाद से उन्होंने इन्कार किया है। कहा कि महापौर को काई काम है तो बताएं।

पहले भी हो चुका है विवाद

मालूम हो कि पहले भी महापौर एवं नगर आयुक्त के बीच कई विषयों पर विवाद हो चुका है। पार्षदों के साथ समीक्षा बैठक को लेकर भी महापौर ने अपनी अनदेखी का आरोप लगाया था जिसके बाद नगर आयुक्त ने बैठक को रद कर दिया था। इसके कारण पार्षद अपने वार्ड की समस्याओं को नहीं रख सके। महापौर एवं नगर आयुक्त के विवाद को नगर विधायक विजेंद्र चौधरी ने पहल कर समाप्त कराया था। हालांकि उनकी पहल का असर अधिक दिनों तक नहीं रहा और फिर से विवाद शुरू हो गया है।

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