मुजफ्फरपुर बायलर हादसा: नूडल्स फैक्ट्री में बायलर फटने की जांच को पहुंची उच्चस्तरीय टीम
बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से गठित टीम में कोलकाता से लेकर दिल्ली तक के अधिकारी रहे शामिल। टीम ने फैक्ट्री के साथ पूरे औद्योगिक परिक्षेत्र का मुआयना किया। इसके साथ अगल-बगल की फैक्ट्रियों में क्षति का आकलन किया।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। बेला औद्योगिक परिसर स्थित अंशुल स्नैक्स एंड विबरेज प्राइवेट लिमिटेड में बुधवार को स्थल निरीक्षण कर नूडल्स फैक्ट्री में बायलर फटने की घटना की जांच उच्चस्तरीय टीम ने की। बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से गठित टीम में कोलकाता से लेकर दिल्ली तक के अधिकारी शामिल रहे। टीम ने फैक्ट्री के साथ पूरे औद्योगिक परिक्षेत्र का मुआयना किया। इसके साथ अगल-बगल की फैक्ट्रियों में क्षति का आकलन किया। वहां की तस्वीर व रिपोर्ट को तैयार कर टीम लौटी। रिपोर्ट के बारे में जानकारी देने से टीम कतराती रही। टीम सदस्यों ने कहा कि रिपोर्ट सीधे सरकार को जाएगी। यहां घटना क्यों हुई, इसका क्या कारण रहा, पुलिस की कार्रवाई की जानकारी टीम ने जुटाई।
टीम में ये रहे शामिल
टीम में रूपेश कुमार श्रीवास्तव, निदेशक (उद्योग), टीएच महतो, विज्ञानी-ÓडीÓ, एकीकृत आरओ एमओईएफएंडसीसी, रांची, जीपी ङ्क्षसह, विज्ञानी-ÓडीÓ, सीपीसीबी, पूर्वी क्षेत्रीय निदेशालय, कोलकाता,जयंत रौशन, परियोजना अधिकारी (एचआरडी-सीबीटी) बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, पटना, अजय कुमार, एडीएम (आपदा प्रबंधन), संजय कुमार द्विवेदी, मुख्य कारखाना निरीक्षक, कैलाश प्रसाद ङ्क्षसह, बायलर के मुख्य निरीक्षक, डा. नवीन कुमार, बोर्ड विश्लेषक, बीएसपीसीबी,अंजनी कुमार सिन्हा, एईई (मुख्यालय), बीएसपीसीबी, सैन कुमार, क्षेत्रीय अधिकारी, बीएसपीसीबी तथा बियाडा के क्षेत्रीय प्रबंधक प्रशांत कुमार शामिल रहे।
यह हुई थी घटना
26 दिसंबर, 2021 की सुबह लगभग सवा नौ बजे बेला की फैक्ट्री में बायलर फटने की घटना हुई। इस हादसे में सात मजदूरों की मौत हो गई थी जबकि कई अन्य लोग घायल हुए थे। इस घटना को लेकर बियाडा के क्षेत्रीय प्रबंधक प्रशांत कुमार ने फैक्ट्री संचालक समेत पांच लोगों को आरोपित बनाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई है।
कृषि समन्वयक पर मनमानी का आरोप
गायघाट, संस : प्रखंड की जमालपुर कोदई पंचायत के किसानों ने कृषि समन्वयक पर मनमानी का आरोप लगाया है। किसानों ने विधायक निरंजन राय से मिलकर आवेदन सौंपा है। इसमें बताया है कि कृषि समन्वयक मुरारी प्र. शाही ने कृषि इनपुट की राशि वितरण मे 50-50 पर कमीशन की बात कर कम जमीन व कम क्षति वाले किसान को अधिक राशि स्वीकृत कर दी है। वहीं जिन किसानों की क्षति अधिक है व कमीशन नहीं देने वाले को बहुत कम राशि स्वीकृत की गई है। किसानों ने आरोप लगाया कि कृषि समन्वयक दो-तीन बिचौलिए रखे हैं। इनके माध्यम से कमीशन वसूला जाता है। विधायक ने मामले की जांच करवाने की बात कही है।