मेडिकल छात्रों को मिलेंगे बेजान जिस्म, संवरेगा भविष्य

श्रीकृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय के शरीर रचना (एनाटोमी) विभाग को वैसे तो कई लोग दधीची की तरह शरीर दान कर चुके हैं।

By Edited By: Publish:Wed, 24 Aug 2016 02:31 AM (IST) Updated:Wed, 24 Aug 2016 02:31 AM (IST)
मेडिकल छात्रों को मिलेंगे बेजान जिस्म, संवरेगा भविष्य

मुजफ्फरपुर। श्रीकृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय के शरीर रचना (एनाटोमी) विभाग को वैसे तो कई लोग दधीची की तरह शरीर दान कर चुके हैं। अब मुजफ्फरपुर जिला लोक जनशक्ति पार्टी के उपाध्यक्ष व वरिष्ठ नागरिक जयप्रकाश झा ने मरणोपरांत अपना शरीर दान करने की इच्छा जताई है। उन्होंने मंगलवार को मेडिकल कॉलेज पहुंच प्राचार्य डॉ. विकास कुमार को शव दान का पत्र सौंपा। इससे पूर्व जिलाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी के साथ पंचायत के मुखिया को भी पत्र सौंप चुके हैं। जयप्रकाश झा ने बताया कि पूर्व में उनके रिश्तेदार भी शरीर दान कर चुके हैं। उधर, प्राचार्य ने बताया कि मरणोपरांत दान किए गए शरीर से निश्चित ही मेडिकल छात्रों को पढ़ाई में मदद मिलेगी। इसे शरीर रचना विभाग में रखा जाएगा।

शरीर दान को ये हैं तैयार

-दरभंगा जिले के टाउन थाना अंतर्गत पश्चिम दिघी निवासी समाजसेवी अमर शंकर उर्फ प्रभात कुमार।

-शहर के नगर थाना अंतर्गत दीवान रोड निवासी नियोजन प्रशिक्षण (आइटीआइ) से वर्ष 2001 में सेवानिवृत्त कर्मी रघुवीर राम। इनके साथ तीन-चार अन्य लोग भी इस कतार में हैं।

अब तक कौन कर चुके देह दान

-वर्ष 2002 में कम्युनिस्ट पार्टी के वरीय नेता रामदेव शर्मा।

-वर्ष 2011 रामचन्द्र ओझा 'रहबर'।

-वर्ष 2011 रामस्वरूप चौधरी। स्वतंत्रता सेनानी एवं वर्ष 2012 में इनकी पत्नी कौशल्या देवी का शरीर मरने के पश्चात मेडिकल छात्रों को अध्ययन के लिए सौंपा जा चुका है।

शरीर सौंपने की यह है प्रक्रिया

-किसी भी व्यक्ति को देह दान के लिए सबसे पहले परिवार की सहमति जरूरी होती है।

-इसके बाद स्थानीय जनप्रतिनिधि से लेकर अंचल व जिला पदाधिकारी तक आवेदन सौंपा जाता है।

-संभव होने पर इस आवेदन की एक प्रति एसकेएमसी के प्राचार्य व एनाटोमी विभाग को भी दी जानी चाहिए।

-आवेदन में पूरा पता व परिवार का मोबाइल नम्बर होना जरूरी।

-मरने के बाद इसकी सूचना उच्चाधिकारी को देते हुए शरीर एसकेएमसीएच के एनाटोमी विभाग को पहुंचा देना चाहिए।

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