कांटी अंचल से जारी लाखों के चेक बाउंस, बड़ी गड़बड़ी की आशंका

अंचलाधिकारी ने नई रोकड़ बही के संचालन की मांगी अनुमति। रोकड़ बही का प्रभार दिए बिना चले गए थे निवर्तमान सीओ।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sat, 23 Mar 2019 05:21 PM (IST) Updated:Sat, 23 Mar 2019 05:21 PM (IST)
कांटी अंचल से जारी लाखों के चेक बाउंस, बड़ी गड़बड़ी की आशंका
कांटी अंचल से जारी लाखों के चेक बाउंस, बड़ी गड़बड़ी की आशंका

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। लगातार विवादों में रहे कांटी के पूर्व अंचलाधिकारी दिलीप कुमार का तबादले के बाद भी इससे पीछा नहीं छूट रहा। अंचल से जारी लाखों के चेक बाउंस हो जाने से यहां बड़ी गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही। पद संभालने के बाद अंचलाधिकारी ने नई रोकड़ बही खोलने की अनुमति अपर समाहर्ता से मांगी है।

आठ व चार लाख के चेक वापस

अपर समाहर्ता को भेजे पत्र में वर्तमान सीओ ने कहा कि भुगतान नहीं होने के कारण आठ व चार लाख के चेक वापस हो गए हैं। इससे यह प्रतीत होता है कि लेखा में त्रुटियां हैं।

चौकीदार को नजारत का दे दिया गया था प्रभार

पूर्व सीओ दिलीप कुमार ने नियम को धता बताते हुए चौकीदार को नजारत का प्रभार दे दिया था। जबकि यह प्रभार किसी समाहरणालय संवर्ग के कर्मचारी को ही दिया जाना था। इसे लेकर अपर समाहर्ता ने स्पष्टीकरण भी मांगा था। सीओ ने पत्र में कहा कि उन्हें रोकड़ बही का प्रभार नहीं दिया गया। चौकीदार व नाजिर नवल किशोर यादव से रोकड़ बही मांग कर इसका अवलोकन किया गया। इसमें कोई भी कार्यालय लिपिक व लेखापाल का हस्ताक्षर नहीं है। इससे संदेह की स्थिति है।

खतियान में किया था परिवर्तन

पूर्व सीओ ने कई बार आदेश से बाहर जाकर भी निर्णय लिए। उन्होंने कई एकड़ जमीन के किस्म में परिवर्तन अपने ही स्तर से कर दिया था। जबकि इसके लिए कम से कम छह सदस्यीय मूल्यांकन समिति के स्तर से निर्णय आना चाहिए था। इस मामले में आपत्ति आने के बाद भी कार्रवाई नहीं की गई।

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