Muzaffarpur Shelter Home Case जज थे छुट्टी पर, अब 14 जनवरी 2020 को आएगा फैसला

Muzaffarpur Shelter Home Case दिल्ली के साकेत स्थित कोर्ट में सुनवाई कर रहे एडिशनल सेशन जज डॉ. सौरभ कुलश्रेष्ठ आज अवकाश पर हैं।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Thu, 12 Dec 2019 11:39 AM (IST) Updated:Thu, 12 Dec 2019 04:10 PM (IST)
Muzaffarpur Shelter Home Case जज थे छुट्टी पर, अब 14 जनवरी 2020 को आएगा फैसला
Muzaffarpur Shelter Home Case जज थे छुट्टी पर, अब 14 जनवरी 2020 को आएगा फैसला

मुजफ्फरपुर, जेएनएन । बालिका गृह यौन हिंसा मामले में आज फिर फैसला टल गया। दिल्ली के साकेत स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरभ कुलश्रेष्ठ के अवकाश पर होने के कारण आज भी फैसला नहीं सुनाया जा सका। उनकी अनुपस्थिति में कामकाज देख रहे जज  ने 14 जनवरी 2020 को नई तारीख मुकर्रर की है। विशेष पॉक्सो कोर्ट आज फैसला सुनाने वाला था। इसको लेकर सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए थे।

  मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर सहित 20 अन्य के खिलाफ सत्र-विचारण चला है। इससे पहले विशेष कोर्ट ने फैसले की तारीख 14 नवंबर मुकर्रर की थी, लेकिन दिल्ली में वकीलों की हड़ताल से उस दिन फैसला टल गया था। तब विशेष कोर्ट ने 12 दिसंबर की तारीख मुकर्रर की थी। 

23 फरवरी से विशेष कोर्ट में चल रही सुनवाई

पिछले साल मई में मुजफ्फरपुर स्थित बालिका गृह में कई लड़कियों के साथ यौन उत्पीडऩ का मामला सामने आया था। जांच के बाद पहले पुलिस ने दस और सीबीआइ ने कुल 21 आरोपितों के खिलाफ मुजफ्फरपुर के विशेष पॉक्सो कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था। कोर्ट ने इसमें से 20 आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र को संज्ञान लिया था। सात फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए दिल्ली स्थित विशेष पॉक्सो कोर्ट में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था। इस पर 23 फरवरी से मामले की साकेत कोर्ट में नियमित सुनवाई चल रही है।

ये हैं आरोपित

 आरोपितों में ब्रजेश ठाकुर, बाल संरक्षण इकाई की तत्कालीन सहायक निदेशक रोजी रानी, बाल संरक्षण पदाधिकारी रवि रोशन, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष दिलीप वर्मा, सदस्य विकास कुमार, बालिका गृह की कर्मचारी इंदु कुमारी, मीनू देवी, मंजू देवी, चंदा देवी, नेहा कुमारी, हेमा मसीह, किरण कुमारी, विजय कुमार तिवारी, गुड्डू कुमार पटेल, किशन राम उर्फ कृष्णा, डॉ. अश्विनी उर्फ आसमानी, विक्की, रामानुज ठाकुर, रामाशंकर ङ्क्षसह उर्फ मास्टर व साइस्ता परवीन उर्फ मधु शामिल हैं।

ये है मामला

 टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टिस) की रिपोर्ट के आधार पर पिछले साल मई में यह मामला सामने आया था। बाल संरक्षण इकाई के तत्कालीन सहायक निदेशक दिवेश कुमार शर्मा ने 31 मई 2018 को महिला थाना में केस दर्ज कराया था। पुलिस ने ब्रजेश ठाकुर सहित दस आरोपितों को गिरफ्तार किया था। 

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