हज के अरकान पांच दिनों में होते मुकम्मल

बैंक रोड मस्जिद में हज प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 29 Jun 2018 07:00 AM (IST) Updated:Fri, 29 Jun 2018 07:00 AM (IST)
हज के अरकान पांच दिनों में होते मुकम्मल
हज के अरकान पांच दिनों में होते मुकम्मल

मुजफ्फरपुर। बैंक रोड मस्जिद में हज प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। खादीमुल हुज्जाह हाजी रफीक नूर ने हज यात्रियों को सफर से लेकर हज के अरकान पूरे करने की जानकारी दी। कहा कि आठ से 12 जिउल हिज्जा तक हज के अरकान पूरे होते हैं। प्रशिक्षण में मस्जिद कमेटी के सचिव हाजी मजहरुल बारी पप्पू समेत कई लोग मौजूद थे।

पहला दिन : एहराम की हालत में मक्का से मदीना मेना रवानगी, मेना में जोहर, अश्र, मगरिब व ईशा की नमाज पढ़नी है। रात को यहां ठहर कर इबादत करनी है।

9 जिउल हिज्जा : मेना में फजीर की नमाज अदा करने के बाद मेना से अरफात को रवानगी, जोहर व अश्र की नमाज अदा करे व मगरिब की नमाज अदा किए बिना मुजदलफा को रवानगी। मगरिब व इशा की नमाज मुजदलफा में पढ़े। रात यहीं गुजारनी है। शैतान को मारने के लिए सौ कंकरियां चुन लें।

10 जिउल हिज्जा : मुजदलफा में फजिर की नमाज अदा होगी। सूरज निकलने से कुछ देर पहले वापसी के लिए मेना रवाना हो जाए। सूरज डूबने से पूर्व बड़े शैतान को सात कंकरी मारनी है। फिर कुर्बानी होगी। सिर के बाल मुड़वाने के बाद आप एहराम उतार सकते हैं। फिर मक्का जाकर तवाफ व जियारत करें। रात मेना में गुजारनी है।

11 जिउल हिज्जा : अगर कल तवाफ व जियारत नहीं किया तो आज कर लें। मेना में आज दिन ढलने के बाद सुबह तक पहले छोटे शैतान को उसके बाद दरमियाने शैतान को व आखिर में बड़े शैतान को कंकरी मारें। रात मेना में गुजारें।

12 जिउल हिज्जा : आज भी मगरिब से पहले तवाफ व जियारत की जा सकती है। मेना में आज भी दिन ढलने के बाद सुबह तक तीनों शैतानों को कंकरी मारनी है। सूरज डूबने से पहले मेना से मक्का रवाना हो जाएं। अगर रात मेना में ठहरना चाहें तो 13 जिउल हिज्जा को सूरज ढलने से पूर्व तीनों शैतानों को कंकरी मारनी होगी।

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