लनामिवि के दसवें दीक्षा समारोह में शामिल हुए राज्यपाल, 25 छात्रों को दिए गोल्ड मेडल

लनामिवि के दसवें दीक्षा समारोह में 25 छात्रों को दिए गोल्ड मेडल। राज्यपाल ने कहा ज्ञान- विज्ञान से ही देश का कल्याण। कॉलेजों से एक-एक गांव को गोद लेने का किया आह्वान।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 12 Nov 2019 09:51 PM (IST) Updated:Tue, 12 Nov 2019 09:51 PM (IST)
लनामिवि के दसवें दीक्षा समारोह में शामिल हुए राज्यपाल, 25 छात्रों को दिए गोल्ड मेडल
लनामिवि के दसवें दीक्षा समारोह में शामिल हुए राज्यपाल, 25 छात्रों को दिए गोल्ड मेडल

दरभंगा, जेएनएन। राज्यपाल फागू चौहान ने कहा कि आज का युग ज्ञान का है। युग की जरूरतों के अनुरूप नए-नए शोध होने चाहिए। शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य चरित्र-निर्माण है। वे मंगलवार को डॉ. नागेंद्र झा स्टेडियम में आयोजित ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के दसवें दीक्षा समारोह को संबोधित कर रहे थे। शिक्षा से नैतिकता का विकास

कुलाधिपति सह राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा केवल नौकरी के लिए जरूरी नहीं अपितु इससे मनुष्य में संवेदनशीलता और नैतिकता का भी विकास होता है। विद्या से विनम्रता आती है। विनम्रता और सत्य के प्रति ²ढ़ता जरूरी है। स्वामी विवेकानंद की उक्ति है वह व्यक्ति नास्तिक है जो अपने आप पर विश्वास नहीं करता। संचार माध्यमों में क्रांति आई है। पठन-पाठन की तकनीक बदल रही है। रोजगार का स्वरूप बदल रहा है। समाज के अभिवंचित, दलित और पिछड़े वर्ग को विकास की मुख्य धारा में लाना जरूरी है। मिथिला दार्शनिकों की भूमि

मिथिला भारतवर्ष का एक समृद्ध सांस्कृतिक क्षेत्र है। यह दार्शनिकों की भूमि है। जनक, विद्यापति, दिनकर और नागार्जुन की यह गौरवशाली भूमि है। ज्ञान, कर्म और साधना की इस पावन धरती की चर्चा करते कहा कि वर्ष 2019 में ही दो-दो दीक्षा समारोहों का आयोजन विश्वविद्यालय की जीवंतता का प्रमाण है। शिक्षा छात्र-छात्राओं के जीवन की अनवरत यात्रा का सनातन पहलू है। आज दीक्षा हो रही है। पुस्तकों का ज्ञान हासिल हो चुका है। अब इसे व्यावहारिक जीवन में लाना होगा। बिहार का अतीत रहा समृद्ध

बिहार का अतीत समृद्ध रहा है। नालंदा और विक्रमशिला इसके प्रमाण हैं। हमें इस विरासत को आगे बढ़ाना है। हमें एक सु²ढ़ और सशक्त भारत बनाना है। इसके लिए देश की एकता और अखंडता अत्यंत महत्वपूर्ण है। विश्व में आज आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा बनकर उभरा है। वृक्षों की कटाई से खतरा

पर्यावरण के बिगड़ते संतुलन की चर्चा करते कहा कि चारों तरफ प्रदूषण है। वृक्षों की कटाई इसका मुख्य कारण है। हमारा संकल्प है कि विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों के परिसर हरे भरे हो। दोनों संस्थानों का रिश्ता समाज से प्रगाढ़ होना चाहिए। प्रत्येक कॉलेज एक-एक गांव को गोद ले। वहां शिक्षा और स्वच्छता के कार्यक्रम चलाएं जाएं। केवल किताबी ज्ञान ठीक नहीं है। महात्मा गांधी के 150 वें जयंती वर्ष में हमें शिक्षित और स्वच्छ भारत के निर्माण का ²ढ़ संकल्प लेना चाहिए।

इनकी रही मौजूदगी : मौके पर यूजीसी के उपाध्यक्ष वीएस चौहान, राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव ब्रजेश मेल्होत्रा, कुलपति प्रो. एसके सिंह, प्रति कुलपति प्रो. जयगोपाल, कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि के कुलपति प्रो. सर्वनारायण झा, मेयर वैजंयती देवी खेड़िया, सांसद गोपालजी ठाकुर, नगर विधायक संजय सरावगी, बिस्फी विधायक डॉ. फैयाज अहमद, एमएलसी डॉ. दिलीप कुमार चौधरी, पूर्व एमएलसी प्रो. विनोद कुमार चौधरी, अभिषद, अधिषद एवं विद्वत परिषद के सदस्यगण, सभी कॉलेजों के प्रधानाचार्य, स्नातकोत्तर विभागों के अध्यक्ष आदि रहे।

chat bot
आपका साथी