पहली निर्मल ग्राम पंचायत की नहीं बदली सूरत, खुले में शौच जाने का सिलसिला जारी

15 अगस्त 2018 को अमरख पंचायत को किया ओडीएफ घोषित। शौचालय निर्माण को मिले 90 ईंट व शौचालय शीट चिढ़ा रहे मुंह। लोगों में जागरूकता का व्यापक अभाव।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sat, 16 Mar 2019 05:37 PM (IST) Updated:Sun, 17 Mar 2019 07:05 AM (IST)
पहली निर्मल ग्राम पंचायत की नहीं बदली सूरत, खुले में शौच जाने का सिलसिला जारी
पहली निर्मल ग्राम पंचायत की नहीं बदली सूरत, खुले में शौच जाने का सिलसिला जारी

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जिले के कुढऩी प्रखंड की अमरख पंचायत को जिले की पहली निर्मल पंचायत बनने का सौभाग्य मिला। पंचायत के तत्कालीन मुखिया पंकज कुमार तरुण को इसके लिए तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा सिंह पाटिल द्वारा सम्मानित भी किया गया, लेकिन पंचायत की सूरत नहीं बदली। 12-13 वर्ष पूर्व मिला यह सम्मान पंचायत को खुले में शौच से मुक्ति नहीं दिला सका। जागरूकता के अभाव में लोग आज भी खुले में शौच जा रहे हैं।

   ग्रामीण मनोज कुमार बताते है कि एक दशक पूर्व मुखिया ने घरों में शौचालय निर्माण को लेकर प्रत्येक परिवार को 90-90 ईंट व एक शौचालय शीट दिया था। परंतु जानकारी व जागरूकता के अभाव में हर घर के दरवाजे पर वो शीट आज भी ओडीएफ को मुंह चिढ़ा रहा है। हालांकि कहीं-कहीं शौचालय का निर्माण अवश्य करा लिया गया। वर्तमान मुखिया समाज की महिलाओं को शौचालय निर्माण के प्रति जागरूक कर रहीं हैं।

   इसका सुखद परिणाम रहा कि 15 अगस्त 2018 को पंचायत को ओडीएफ घोषित किया गया। पंचायत में युद्धस्तर पर शौचालय निर्माण कार्य हुआ है। कुछ लोग जमीन के अभाव में शौचालय नहीं बनवा पा रहे हैं। शौचालय के उपयोग से होने वाले लाभ व खुले में शौच से होने वाली विभिन्न बीमारियों से बचाव को विस्तृत जानकारी दी जा रही है।

प्रोत्साहन राशि भुगतान में विलंब से आक्रोश

मुखिया ने बताया कि शौचालय निर्माण को जागरूक करने पर लोगों ने कर्ज लेकर शौचालय बनवा तो लिया, लेकिन विभागीय लापरवाही से लाभुकों के खाते में प्रोत्साहन राशि नहीं पहुंच रही है। वार्ड नं. 6 की मुनक्का देवी ने कान-नाक के सोने के गहने गिरवी रखकर शौचालय निर्माण कराया। छह माह बीतने को है जियो टैगिंग के बावजूद अबतक उन्हें प्रोत्साहन राशि नहीं मिली। मुखिया प्रतिनिधि रविंद्र कुमार पासवान ने बताया कि वे पंचायत के हरसंभव विकास में जुटे हैं जिसमें सभी लोगों का सहयोग मिल रहा है।

   इस पंचायत में हर-घर शौचालय का लक्ष्य पूरा किया जा रहा है। पंचायत को स्वच्छाग्रहियों द्वारा दिए गए निर्देशों को जमीन पर उतारने की कवायद शुरू है। पटना की कचरा प्रबंधन कमेटी की ओर से समय-समय पर पंचायतों में जनसंपर्क चलाकर जीविका दीदी के सहयोग से पंचायत को स्वच्छ बनाने का प्रयास जारी है।

15 अगस्त 2018 को ओडीएफ घोषित

एडीएम अनिल कुमार आर्या, जिला समन्वयक, बीपीएम, प्रखंड समन्वयक शिव कुमार, विधायक केदार प्रसाद गुप्ता, सीओ रंभू ठाकुर, जीविका समूह की दीदी, वार्ड सदस्य समेत पंचायत के सभी जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों की मौजूदगी में अमरख पंचायत को 15 अगस्त 2018 को ओडीएफ घोषित किया गया था। परंतु अबतक मुखिया चंद्रमणि देवी को ओडीएफ का प्रमाणपत्र प्राप्त नहीं हुआ।

  कुढऩी के बीडीओ हरिमोहन कुमार ने कहा कि शौचालय निर्माण में जागरूकता अभियान चलाकर सभी लोगों को खुले में शौच से मुक्ति दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। शौचालय निर्माण पर सरकार द्वारा दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि के भुगतान में कोई विलंब नहीं हो रहा है। बैकिंग व्यवस्था के कारण कुछ विलंब हुआ होगा, जिसकी कोई सूचना नहीं।

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