अधर में दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के आठ हजार विद्यार्थियों का भविष्य

विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही से आचार्य उपशास्त्री शास्त्री सहित अन्य परीक्षाएं दो वर्ष से लंबित। कापियों व प्रश्नपत्र की छपाई से संबंधित एजेंसी का अनुबंध खत्म होने के बाद अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान। विवि के अधिकारियों में भी खींचतान की सूचना।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Thu, 19 May 2022 08:51 AM (IST) Updated:Thu, 19 May 2022 08:51 AM (IST)
अधर में दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के आठ हजार विद्यार्थियों का भविष्य
परीक्षा नहीं होने से विद्यार्थियों की परेशनी बढ़ती जा रही है। फाइल फोटो

दरभंगा, जासं। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय को समय पर परीक्षा व रिजल्ट से कोई लेना-देना नहीं है। सत्र दो साल लेट चल रहा है। उपशास्त्री, शास्त्री एवं आचार्य की परीक्षाएं नहीं होने से करीब आठ हजार विद्यार्थियों का भविष्य अधर में है। उपशास्त्री सत्र 2018-20 की परीक्षा जून 2020, शास्त्री तृतीय खंड सत्र 2018-21 की परीक्षा जून 2021 और आचार्य सत्र 2019-21 की परीक्षा वर्ष 2021 के मई-जून में ही हो जानी चाहिए थी। ये परीक्षाएं अभी तक नहीं हो सकी हैं। 

परीक्षा नहीं होने का कारण कापियों व प्रश्नपत्र की छपाई से संबंधित एजेंसी का अनुबंध समाप्त होना बताया जा रहा है। वर्ष 2020 तक उसका अनुबंध था। इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही की वजह से नई एजेंसी को अनुबंध देने का काम नहीं हो सका। इसमें विश्वविद्यालय के अधिकारियों के बीच आपसी खींचतान और तालमेल नहीं बैठने की बात सामने आ रही है। कुलपति प्रो. शशिनाथ झा का कहना है कि लंबित परीक्षाएं लेने के लिए या तो पुरानी एजेंसी से एग्रीमेंट किया जाए या उत्तर पुस्तिकाओं के लिए निविदा निकाली जाए। कुलसचिव इसके लिए तैयार नहीं हैं। वे एक माह से अवकाश पर चल रहे हैं। जल्द परीक्षा के लिए प्रयास होगा। प्रतिकुलपति प्रो. सिद्धार्थ शंकर सिंह का कहना है कि मैंने सभी स्नातक स्तरीय परीक्षाओं के लिए तिथि निर्धारित की थी, जिसे कुलपति ने निरस्त कर दिया। विद्यार्थियों के भविष्य को देखते हुए अविलंब परीक्षाएं संचालित होनी चाहिए।

ये परीक्षाएं चल रहीं लंबित

शास्त्री प्रथम खंड सत्र 2020-22

शास्त्री द्वितीय खंड सत्र 2019-22

शास्त्री तृतीय खंड सत्र 2018-21

आचार्य सत्र 2020-22

आचार्य सत्र 2019-21

उपशास्त्री सत्र 2018-2020 

औराई पैक्स को नाबार्ड ने दिया ग्रामीण मार्ट

मुजफ्फरपुर : राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की ओर से विशुनपुर-गोकुल पैक्स को ग्रामीण मार्ट दिया गया। इससे किसानों को कृषि कार्य में मदद मिलेगी। इसकी जानकारी देते हुए जिला विकास प्रबंधक जूही प्रवासिनी ने बताया कि पूरे राज्य में पहली बार किसी पैक्स को यह सुविधा दी गई है।

विशुनपुर गोकुल पैक्स इसका उपयोग कर कृषि उत्पाद को जगह-जगह भेज सकता है। बताया कि यह एक तरह का बाजार जैसा ही है। चलंत वाहन के जरिए गांव में किसान व बाजार तक कृषि उत्पाद को भेजा जाएगा। इस तरह की दुकान जमीन पर बनेगी तो उसमें 90 प्रतिशत या 10 लाख अनुदान वहीं मोबाइल वाले में 50 प्रतिशत या पांच लाख का अनुदान दिया जा रहा है। जो पैक्स जिले में बेहतर काम करेंगे उनको भी यह सुविधा दी जाएगी। इस मौके पर राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के उप महाप्रबंधक सतपाल आजाद ने जिले मे चलाई जा रही विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं की समीक्षा की।

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